मध्यम ऊंचाई तक और लंबी अवधि तक उड़ने वाले इस ड्रोन का विकास सेना की तीनों शाखाओं के लिए किया गया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में स्थित अपने परीक्षण केंद्र में रविवार को घरेलू तकनीक से निर्मित ड्रोन रुस्तम-2 का एक सफल परीक्षण किया।
डीआरडीओ की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि मध्यम ऊंचाई तक और लंबी अवधि तक उड़ने वाले इस ड्रोन का विकास सेना की तीनों शाखाओं के लिए किया गया है। रुस्तम-2 एक बार में लगातार 24 घंटे तक उड़ने की क्षमता रखता है और यह लगातार चौकसी कर सकता है और साथ में हथियार भी ले जा सकता है।
बयान में कहा गया है, "यह उड़ान इस कारण से मायने रखता है कि उच्च शक्ति वाले इंजन के साथ उपयोगकर्ता कंफीगरेशन में यह पहली उड़ान है। सभी मानक सामान्य थे।"
चलकेरे में स्थित परीक्षण केंद्र में यह परीक्षण उड़ान डीआरडीओ के अध्यक्ष एस. क्रिस्टोफर, वैमानिकी प्रणाली महानिदेशक सी.पी.रामनारायणन, विद्युत एवं संचार प्रणाली महानिदेशक जे. मंजुला और अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिकों की उपस्थिति में संपन्न हुई।