भारत में सरकार द्वारा 5G ट्रायल शुरू होने के बाद से ही 5G नेटवर्क और Covid-19 को जोड़ कर झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं। डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने पहले भी बताया था कि इन दोनों के बीच कोई कनेक्शन नहीं है और 5G के ट्रायल को अभी केवल अप्रूवल मिला है जबकि इसकी टेस्टिंग अभी तक भारत में शुरू नहीं हुई है। अब हरियाणा चीफ सेक्रेटरी ने आधिकारिक तौर पर लिखा है कि कुछ शरारती तत्वों ने मोबाइल टावर को नुकसान पहुंचाया है।
PTI ने बताया, डेप्युटी कमिश्नर और डिस्ट्रिक्ट पुलिस चीफ ने हरियाणा में उन लोगों के लिए खिलाफ फौरन कड़े एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं जो COVID-19 महामारी को 5G नेटवर्क तकनीक से जोड़ कर गलत खबरें फैला रहे हैं।
वर्धन ने उपायुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को लिखे पत्र में इस मुद्दे को संबोधित करते हुए अधिकारियों को टेलीफोन टावरों के नुकसान की जानकारी दी और अधिकारियों से दूरसंचार और संबंधित बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा।
Vardhan ने अपने लेटर में लिखा कि, “जैसा कि आप जानते होंगे, COVID-19 वायरस के कारण लोगों की मृत्यु और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण होने वाली गलत सूचनाओं को 5G टावरों के परीक्षण के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इसके कारण राज्य में कुछ घटनाएं हुई हैं जिसके परिणामस्वरूप कुछ गुमराह तत्वों द्वारा मोबाइल टावरों/नेटवर्कों को नुकसान पहुंचाया गया है।”
उन्होंने यह भी बताया कि वर्ल्ड हैल्थ ओर्गेनाइजेशन (WHO) ने पुष्टि की है कि वायरस रेडियो वेव्स या मोबाइल नेटवर्क के ज़रिए ट्रैवल नहीं कर सकता है और जिन देशों में Covid-19 फैल रहा है वहाँ 5G नेटवर्क उपलब्ध नहीं है। सेल्यूलर ऑपरेटर ऑफ इंडिया ने रविवार को कहा कि, हरियाणा सरकार को 5G टेस्टिंग और Covid-19 से जुड़ी झूठी खबरों को नियंत्रण में लाना होगा।
COAI ने आगे कहा, “हमने देखा है कि पिछले दो हफ्तों में इस तरह की अफवाहों को अधिक हवा मिली और खासतौर से सेमी-अर्बन और रुरल इलाकों में इस तरह की झूठी खबरें तेज़ी से फैल रही हैं। हरियाणा में इस तरह की झूठी खबरें तेज़ी से बढ़ रही हैं।”