ATM या ई-बैंकिंग फ्रॉड का हुए हैं शिकार, तो यहां करें शिकायत

Updated on 04-Sep-2019
HIGHLIGHTS

आये दिन एटीएम, मोबाइल बैंकिंग या ऑनलाइन के ज़रिये लोगों को जहाँ नए और लुभावने प्रस्ताव दिए जाते हैं वहीँ फ्रॉड के केस भी मिलते हैं। ऐसे में अगर आपके साथ भी अगर ऐसा किसी तरह का फ्रॉड होता है तो आप तुरंत "डिजिटल लोकपाल" में इसकी शिकायत कर सकते हैं।

खास बातें:

  • बैंकिंग लोकपाल की तर्ज पर बना डिजिटल लोकपाल
  • कानपूर में फ्रॉड के मामले ज़्यादा
  • शिकायत के लिए जारी हुआ  फॉर्म

 

ऑनलाइन पर जितनी ही सुविधाएं हैं उतनी ही धोखाधड़ी भी है। बैंकिंग, ई-बैंकिंग और नए-नए ऐप्स के ज़रिये लोगों को लुभावने प्रस्ताव देकर उन्हें फ्रॉड केस में फंसाया जाता है। डिजिटल लेनदेन में भी इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। ऐसे में आप इसकी शिकायत सीधे लोकपाल से कर सकते हैं। जी हाँ, डिजिटल बैंकिंग में बढ़ते फ्रॉड और शिकायतों को देखते हुए पहली बार "Digital Lokpal" का गठन किया गया है।

आपको बता दें कि इस "Digital Lokpal" का गठन बैंकिंग लोकपाल की तर्ज पर किया गया है। इसके साथ ही आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में हर महीने 40 से ज्यादा साइबर फ्रॉड के मामले पुलिस और बैंक तक पहुंचते हैं। यह डिजिटल लोकपाल बैंकिंग फ्रॉड से जुड़े हर मामले की सुनवाई करेगा और आपकी समस्या का समाधान निकालेगा। आपको बता दें कि डिजिटल लोकपाल कानपुर में RBI ऑफिस में ही बैठेंगे।

भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम के तहत हुआ गठन

भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम के अंतर्गत शुरू हुई यह योजना डिजिटल लेनदेन में जल्द से जल्द शिकायत और समाधान व्यवस्था पीड़ितों को  उपलब्ध कराएगी। वहीँ अगर बैंक के माध्यम से किए जाने वाले डिजिटल लेनदेन से संबंधित किसी तरह की  शिकायत आती है तो वह बैंकिंग लोकपाल योजना के तहत ही देखी जाएंगी। डिजिटल लेनदेन के लिए लोकपाल कार्यालय बैंकिंग लोकपाल के मौजूदा 21 कार्यालयों से कार्य करेंगे। इसके साथ ही अपने प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र से ग्राहकों की शिकायतें देखेंगे।

इस तरह कर सकते हैं शिकायत

डिजिटल लेनदेन की शिकायत दर्ज करने के लिए आरबीआई ने एक फॉर्म जारी किया है। पीड़ित को फॉर्म में नजदीकी लोकपाल ऑफिस का नाम डालना होगा। जिस बैंक के खिलाफ शिकायत है उसका नाम, किस सिस्टम के जरिए गड़बड़ी हुई उसका नाम, शिकायत करने वाले का नाम और पता, फोन नंबर, ई-मेल, शिकायत की डिटेल जैसी जानकारी पीड़ित को शेयर करनी होगी। फॉर्म के साथ सभी डॉक्युमेंट्स की कॉपी भी देनी होगी।

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