सर्वे में शामिल 70 फीसदी भारतीय डाटा की सुरक्षा व निजता को लेकर चिंतित थे.
भारत की बड़ी कंपनियों के लिए डिजिटल बदलाव के दौर में नए खतरे पैदा हुए हैं, जिनमें खासतौर से आंकड़ों का प्रबंधन पिछले दो साल से एक बड़ा संकट है। यह बात दुनियाभर में पेशेवर सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी ईवाई ने बुधवार को यहां जारी एक सर्वेक्षण के नतीजों में कही। फ्लिपकार्ट पर ऑफर में मिल रहे हैं ये स्मार्टफोंस
ईवाई के ग्लोबल फोरेंसिक डेटा एनालिटिक्स सर्वे 2018 के अनुसार, सर्वे में शामिल 70 फीसदी भारतीय आंकड़ों की सुरक्षा व निजता को लेकर चिंतित थे, जबकि 46 फीसदी लोग साइबर लीक व आंतरिक खतरों से सशंकित थे। अध्ययन में कहा गया है कि उन्नत फोरेंसिक डेटा एनालिटिक्स (एफडीए) और उन्नत प्रौद्योगिकी की अहमियत बढ़ते डिजिटल खतरों को कम करने में बनी रहेगी।
भारत के संबंध में सव्रेक्षण के जो नतीजे सामने आए हैं, उनके अनुसार 71 फीसदी लोगों ने आंकड़ों की सुरक्षा और निजता के मामले में एफडीए का उपयोग किया, जबकि 87 फीसदी लोगों ने वित्तीय विवरण की धोखाधड़ी के लिए इसका इस्तेमाल किया। इन दोनों मामलों में वैश्विक औसत क्रमश: 73 फीसदी और 77 फीसदी दर्ज किया गया।
अध्ययन के मुताबिक, वर्ष 2018 में उभरती हुई प्रौद्योगिकी में ज्यादा निवेश होगा। भारतीय कंपनियों ने उभरती हुई प्रौद्योगिकी को अमल में लाना शुरू कर दिया है। मसलन, इस साल आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में 63 फीसदी, रोबोटिक्स प्रोसेस ऑटोमेशन में 53 फीसदी, ब्लॉचेन व डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर्स में 50 फीसदी और यूजर बिहैवियरल एनालिटिक्स में 66 फीसदी कंपनियों ने रुचि दिखाई।
ईवाई के साझेदार और भारत व उतरते बाजार, धोखाधड़ी जांव व विवाद सेवा के प्रमुख अरपिंदर सिंह ने कहा, "तीव्र गति से नवाचार व नई प्रौद्योगिकी को अपनाते हुए भारत भरते बाजार में खास तौर से डिजिटल क्रांति अग्रणी है।"