साइबर ठगों पर नकेल की तैयारी, कुछ ऐसे लिया जाएगा ऑनलाइन अपराधियों से बदला, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

Updated on 20-May-2024
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साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर एक साथ लगभग 1.8 मिलियन मोबाइल कनेक्शन बंद करने की तैयारी कर रहे हैं।

अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर चल रही अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सरकार की राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा है।

साइबर ठगों पर नकेल की पूरी तैयारी हो चुकी है: साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी से निपटने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर एक साथ लगभग 1.8 मिलियन मोबाइल कनेक्शन बंद करने की तैयारी कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर चल रही अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सरकार की राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा है।

इंटरनेट से मिल रही जानकारी के अनुसार, यह निर्णय साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के लिए मोबाइल कनेक्शन का दुरुपयोग करने वालों की पहचान करने के लिए विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई जांच के बाद लिया गया है। इसका मतलब है की जल्द ही हमें देखने को मिलने वाला है कि बड़ी संख्या में SIM Cards को बैन किया जाने वाला है।

इंटरनेट से यह भी जानकारी मिल रही है कि, जांच में यह भी पता चला है कि एक सिंगल हैन्ड्सेट को हजारों मोबाइल कनेक्शन के साथ इस्तेमाल किया जा है। इसका मतलब है कि एक ही Mobile Phone की मदद से इसमें सिम बदल बदलकर साइबर अपराधों को अंजाम दिया जा रहा है।

इस जांच के बाद सामने आया है कि, 9 मई को Department of Telecommunications DoT की ओर से टेलिकॉम कंपनियों को यह निर्देश दिया गया है कि लगभग 28,220 Mobile handsets को Disconnect दिया जाए और इसके अलावा लगभग 2 मिलियन Mobile Connections की भी जांच फिर से की जाए जो इन डिवाइस के साथ जुड़े हैं।

अधिकारी ने बताया, “आमतौर पर, हमने पाया है कि ऐसे मामलों में, केवल 10% कनेक्शन ही सत्यापित हो पाते हैं और बाकी कनेक्शन कट जाते हैं, जिससे पुन: सत्यापन विफल हो जाता है।” दूरसंचार कंपनियों द्वारा 15 दिनों के भीतर पुन: सत्यापन पूरा करने के बाद कनेक्शन काटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

ऐसा देखा गया है कि देशभर में पिछले कुछ समय में मोबाइल आधारित साइबर क्राइम पूरे देश में बड़े पैमाने पर बढ़ें हैं। अगर हम NCRP यानि National Cybercrime Reporting Portal की रक रिपोर्ट पर गौर करें तो आपको जानकारी के लिए बात देते है कि 2023 में लगभग 10319 करोड़ रुपये की साइबर ठगी हुई है। इसके अलावा यही यह भी जानकारी मिलती है कि 2023 में लगभग 694,000 शिकायतें भी दर्ज हुई हैं।

ऐसा देखा गया है कि साइबरक्रिमिनल्स Sim Cards के साथ नए नए प्रयोग करते रहते हैं और अलग अलग टेलिकॉम सर्कल में अपने सिम को चेंज भी करते रहते हैं, इसके अलावा इनके द्वारा अलग अलग कॉमबीनेशन के हैन्ड्सेट भी इस्तेमाल किए जाते हैं जिसे यह टेलिकॉम कंपनियों की नजर और लॉ इंफोर्समेंट की नजर से बच जाते हैं।

उदाहरण के लिए, आपको बात देते है कि Odisha या Assam के सिम को ये लोग Delhi NCR में इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा रडार में आने से बचने के लिए ये लोग एक से दो आउटगोइंग कॉल करने के बाद सिम को बदल देते हैं।

गौरतलब हो कि, पिछली जांच में यह भी सामने आया था कि टेलिकॉम कंपनियों की ओर से लगभग 200,000 SIM Cards को पिछले साल डिसकनेक्ट कर दिया गया था। यह सभी सिम कार्ड साइबर अपराध में शामिल थे। इसके अलावा सरकार की ओर से मेवात, हरियाणा आदि में भी जांच की थी, इसके बाद लगभग 37,000 सिम कार्ड्स को बंद कर दिया गया था।

हालांकि, सरकार यह भी मानती है कि अगर टेलिकॉम कंपनियों के ओर से ज्यादा प्रोएक्टिव अप्रोच के साथ आगे बढ़ा जाए और सिम कार्ड इस्तेमाल के पैटर्न आदि को देखा जाए तो साइबर क्राइम आदि को रोका भी जा सकता है। इसके अलावा ऐसे लोगों का खास ध्यान रखना चाहिए, जो अपने सर्कल से बाहर के सर्कल से सिम कार्ड खरीद रहे हैं। ऐसा करने से भी साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सकती है।

साभार:

अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं।

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