क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की मात्रा अब पूरे देश में बढ़ रही है। यह पूरे देश और दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक हकीकत है। क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने इस पर टैक्स लगाने का फैसला किया है। इसी लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए सरकार की योजना 2022 में इसपर टैक्स लगाने की है। बजट में तय किया गया है कि क्रिप्टो करेंसी की आय के आधार पर किसी भी निवेशक पर टैक्स लगाया जाएगा। केंद्र सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन पर 30% और क्रिप्टो लेनदेन पर 1% का टीडीएस लगाने का फैसला किया है।
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नए नियम जून खत्म होने के कुछ दिनों बाद ही शुरू हो जाएंगे। 1% टीडीएस अगले जुलाई महीने की पहली तारीख से क्रिप्टो लेनदेन के शीर्ष पर बैठने के लिए तैयार है। हालांकि बजट में इस मुद्दे को उठाने के बाद कुछ पेचीदगियां देखने को मिली हैं। टीडीएस किस आधार पर काटा जाएगा, इस पर भी तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं? विभिन्न मुद्दों को लेकर लोगों के मन में अभी भी काफी भ्रम है।
सूत्रों के अनुसार, क्रिप्टो लेनदेन पर 1% टीडीएस लगाया जाएगा। देश की कर प्रणाली के नियमों के अनुसार क्रिप्टो के बिक्री मूल्य पर 1% टीडीएस लगाया जाएगा। बाकी ट्रांजेक्शन टीडीएस कटने के बाद जो बचेगा उसके आधार पर किया जाएगा।
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केंद्रीय बजट में क्रिप्टो आय पर 30% टैक्स लगाने का फैसला किया गया है। यह बहुत बड़ा फैसला है। हालांकि कुछ समय से अफवाहें हैं कि इस क्रिप्टो करेंसी पर क्रिप्टो लेनदेन को रोका या प्रतिबंधित भी किया जा सकता है। हालांकि, सरकार ने यह फैसला नहीं लिया। देश भर में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए, सरकार ने इसे प्रतिबंधित करने के बजाय इससे जीविकोपार्जन करने का फैसला किया है। सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन पर कर लगाने का फैसला किया है। अब देखना यह होगा कि निवेशक इस मुद्दे को कैसे देखते हैं या इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं!
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