हम सबने अनगिनत बार एक गरीब युवा लड़के 'अलादीन' की कहानी सुनी होगी, जिसे एक चालाक जादूगर ने एक गुफा में फंसा दिया था। हालांकि, अलादीन को गुफा के अंदर एक जादुई चिराग मिल गया था, जिसमें एक जिन्न रहता था और वो जिन्न उसके लिए सभी सुख-समृद्धि लाता था। लेकिन क्या होता, यदि अलादीन के चिराग के अंदर का वह जिन्न एंजल के बजाय एक शैतान होता? चिंता मणि, जादू और दुर्भाग्य की कहानी, जो अब डिज़्नी+ हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही है, आपको एक ऐसे अलौकिक, रहस्यमय और रोमांचकारी अनुभव पर ले जाने के लिए तैयार है।
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सेंट्स आर्ट एवं कहानीकार सुधांशु राय की यह प्रस्तुति, तीन दोस्तों की कहानी है, जिन्हें एक जादुई पत्थर (मणि) मिलता है जो भविष्य दिखा सकता है। फिल्म की शुरुआत सुधांशु राय द्वारा निभाए गए किरदार चीकू से होती है, जो एक मस्ती भरी शाम एंजॉय करने के लिए अपने दोस्तों के घर जा रहा होता है। अपने दोस्तों कोमल और बल्लू (अभिषेक सोनपलिया और अखलाक अहमद आज़ाद द्वारा अभिनीत किरदार) द्वारा जल्दी मचाने पर, चीकू एक शॉर्टकट लेता है जो एक वीरान कारखाने से होकर गुजरता है। यहां उसका सामना शोभित सुजय द्वारा निभाए गए एक रमता जोगी जैसे इंसान से होती है। वह व्यक्ति चीकू को वह अलौकिक मणि ऑफर करता है। मणि की चमक इतनी प्रभावी है कि चीकू बिना एक पल गंवाए कुछ नकदी देकर वह मणि खरीदता है और अपने दोस्तों के पास जाता है। लेकिन फिर जो होता है, वह किसी डरावने सपने से काम नहीं।
इस फिल्म से निर्देशन की दुनिया में कदम रखने वाले लेखक-निर्माता पुनीत शर्मा ने कहा, "मैं हमेशा विश्व और क्लासिक सिनेमा के असाधारण आकर्षण से प्रेरित रहा हूं। चिंता मणि हमारे द्वारा समकालीन सेटअप में उसी आकर्षण को फिर से पुनर्जीवित करने का एक प्रयास है| हांलाकि यह मूल रूप से भारतीय दर्शकों को ध्यान में रखकर बनाई गई फिल्म है। चायपत्ती और डिटेक्टिव बुमराह को मिली सफलता के बाद, इस फिल्म से हमें दर्शकों से ज्यादा प्यार एवं समर्थन मिलने की पूरी उम्मीद है।"
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कहानीकार-फिल्म निर्माता सुधांशु राय ने चिंता मणि में दर्शकों की दिलचस्पी क्यों बढ़े, इसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा- "सेंटस आर्ट की पिछली दोनों प्रस्तुति चायपत्ती एवं डिटेक्टिव बूमराह अपने तरीके में, अपनी शैली में विशिष्ट थीं, लेकिन चिंता मणि हमारे बैनर तले अब तक की सबसे प्रयोगात्मक पेशकश है। यह कॉमेडी, हॉरर, थ्रिलर और अलौकिक जैसी कई शैलियों और उप शैलियों का एक अत्यंत दुर्लभ संयोजन है, और इसलिए हमारा वादा है कि दर्शक चिंता मणि में एक अभूतपूर्व अनुभव करेंगे।"
चिंता मणि को सुधांशु राय ने लिखा है जबकि इसके फोटोग्राफी निदेशक स्पर्श हसीजा हैं। इस लघु फिल्म को सौरभ रावत ने संपादित किया है, एवं फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और ध्वनि प्रणव अरोड़ा (प्रोश) द्वारा डिजाइन किया गया है। यश सोनी ने फिल्म में कलरिस्ट का काम किया है।