7 सितम्बर तक Chandrayaan 2 पहुंचेगा लूनर साउथ पोल
इस मिशन की सफलता के बाद भारत बनेगा चौथा देश
हाल ही में मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) से जुड़ी एक लेटेस्ट खबर मिली है। ऑर्बिटर से लैंडर ‘विक्रम' के अलग होने के एक दिन बाद चंद्रमा की निचली कक्षा में सैटेलाइट को सफलतापूर्वक उतार दिया गया है। यह पहला चरण है जहाँ इसरो को यह एक और सफलता मिली है। इस बात की जानकारी ISRO ने ट्वीट के ज़रिये दी है। इसका मतलब यह है कि जल्द ही अब शनिवार यानी 7 सितम्बर को चांद की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग (Chandrayaan 2) के लिये लैंडर को कक्षा से नीचे उतारने का एक और आखिरी प्रोसेस अभी बाकी है।
#ISRO
The second de-orbiting maneuver for #Chandrayaan spacecraft was performed successfully today (September 04, 2019) beginning at 0342 hrs IST.For details please see https://t.co/GiKDS6CmxE
— ISRO (@isro) September 3, 2019
वहीं इससे पहले भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार (3 सितम्बर) को पुष्टि की थी कि सुबह 9 से 10 बजे के बीच Vikram Lander de-orbit ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इस तरह Vikram Lander चांद के 104 x 128 km की दूरी में पहुंच गया है।
Indian Space Research Organisation के मुताबिक, डी-ऑर्बिटल ऑपरेशन सुबह 8:50am बजे शुरू हुआ था। 4 सेकंड्स के लिए ऑनबोर्ड प्रोपल्जन सिस्टम का उपयोग कर के सफलतापूर्वक ऑपरेशन पूरा किया गया है।
विक्रम लैंडर का ऑर्बिट 104 km x 128 km है। Chandrayaan 2 Orbiter लगातार चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है और ऑर्बिटर और लैंडर दोनों स्वस्थ हैं। अगला डी-ओर्बिटिंग ऑपरेशन बुधवार को सुबह 3:30am-4:30am के बीच शेड्यूल किया गया है। सोमवार दोपहर को Vikram अपने मदर स्पेसक्राफ्ट Chandrayaan-2 से अलग हुआ था।
#ISRO
The first de-orbit maneuver for #VikramLander of #Chandrayaan2 spacecraft was performed successfully today (September 03, 2019) at 0850 hrs IST.For details please visit https://t.co/K5dS113UJL
Here's view of Control Centre at ISTRAC, Bengaluru pic.twitter.com/Ddeo2URPg5
— ISRO (@isro) 3 September 2019
आपको बता दें कि आज 20 अगस्त को दोपहर के 12:30 बजे से 1:30 बजे के बीच चांद की दूसरी कक्षा LBN-2 में चंद्रयान-2 ने एंट्री ली। चंद्रयान-2 ने इसके बाद इसकी कक्षा में अगले 7 दिनों तक चांद का चक्कर लगाए जो 118 किलोमिटर की एपीजी और 4,412 किलोमिटर की पोरीजी वाली अंडाकार कक्षा में है।
#ISRO
Lunar Orbit Insertion (LOI) of #Chandrayaan2 maneuver was completed successfully today (August 20, 2019). The duration of maneuver was 1738 seconds beginning from 0902 hrs ISTFor more details visit https://t.co/FokCl5pDXg
— ISRO (@isro) August 20, 2019
इसरो के मुताबिक यह मिशन का एक खास और कठिन हिस्सा था जिसमें उन्हें सफलता मिली है। आपको बता दें कि अगर सेटेलाइट चंद्रमा पर तेज़ स्पीड वाले वेग से पहुंचता है, तो सेटेलाइट के उछलने की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो सेटेलाइट गहरे अंतरिक्ष में खो जाएगा। वहीँ अगर स्पीड कम रही और इसी कम स्पीड के साथ सेटेलाइट पहुंचता है तो चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण (gravity) Chandrayaan 2 को अपनी ओर खींच लेगा जिससे सेटेलाइट चाँद की ही सतह पर गिर सकता है। इस तरह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने अपने नाम एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है।
आपको बता दें कि 22 जुलाई को चंद्रयान-2 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित प्रक्षेपण केंद्र से प्रक्षेपित किया गया था। खास बात यह है कि अगर इस मून मिशन में इसरो सफल रहा तो वह ऐसा चौथा देश बन जायेगा जिसने चंद्रमा की सतह पर रोवर पहुँचाया है। इससे पहले रूस, अमेरिका और चीन ऐसा कर चुके हैं।
#ISRO
Today (August 20, 2019) after the Lunar Orbit Insertion (LOI), #Chandrayaan2 is now in Lunar orbit. Lander Vikram will soft land on Moon on September 7, 2019 pic.twitter.com/6mS84pP6RD— ISRO (@isro) August 20, 2019
आपको बता दें कि चंद्रमा की कक्षा में घूमने के बाद चंद्रयान 2, 7 सितंबर को लूनर साउथ पोल पर लैंड करेगा। आपको बता दें कि 22 जुलाई को जीएसएलवी मार्क।।।-एम 1 के जरिए सेटेलाइट चंद्रयान-2 को प्रक्षेपित किया गया था। चंद्रयान-2 ने जिसके बाद 14 अगस्त को पृथ्वी की कक्षा से निकलकर चाँद की ओर आगे बढ़ना शुरू किया था।