कुछ अन्य देशों के बाद सरकार ने उठाया बड़ा कदम, बच्चों की सुरक्षा को लेकर बनाए सख्त नियम, पेरेंट्स के लिए क्या जानना जरूरी

कुछ अन्य देशों के बाद सरकार ने उठाया बड़ा कदम, बच्चों की सुरक्षा को लेकर बनाए सख्त नियम, पेरेंट्स के लिए क्या जानना जरूरी
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सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों का ड्राफ्ट (Digital Personal Data Protection Rules) जारी किया है।

इस ड्राफ्ट में एक प्रावधान शामिल है, जिसके अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति लेनी होगी।

भारत के ड्राफ्ट नियम इस बढ़ती जागरूकता को दर्शाते हैं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

आज के डिजिटल युग में, बच्चे भी जुड़ते जा रहे हैं, असल में कुछ समय पहले तक ऐसा नहीं था, लेकिन अब बच्चे पहले से कहीं अधिक डिजिटल दुनिया में भागीदार बनते जा रहे हैं। इसे सही भी कहा जा सकता है, लेकिन लेकिन इसके साथ ही कई जोखिम भी जुड़े हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। असल में युवा यूजर्स की प्राइवेसी की सुरक्षा के लिए, सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों का ड्राफ्ट (Digital Personal Data Protection Rules) जारी किया है। इस ड्राफ्ट में एक प्रावधान शामिल है, जिसके अनुसार 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति लेनी होगी। इसका मतलब है कि बच्चे अब अपनी मर्जी से सोशल मीडिया पर अकाउंट नहीं बना सकेंगे।

आइए जानते हैं कि आखिर क्या कहते हैं इस ड्राफ्ट के नियम?

“डिजिटल निजी डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (22 का 2023) की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा बनाए जाने वाले सभी नियमों का ड्राफ्ट, अधिनियम के लागू होने की तिथि के बाद, सभी संबंधित व्यक्तियों की जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है।”

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इसमें डेटा उल्लंघनों का भी जिक्र है, जिसके तहत प्रभावित व्यक्तियों को उल्लंघन की प्रकृति, इसके परिणाम और किसी भी शमन उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए। हालांकि, ड्राफ्ट में उल्लंघनों के लिए विशेष दंड का उल्लेख नहीं किया गया है।

ड्राफ्ट पर सार्वजनिक परामर्श 18 फरवरी, 2025 तक जारी रहेगा। इसके बाद सरकार प्राप्त फीडबैक के आधार पर नियमों को अंतिम रूप दे देने वाली है। अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है, “यह नोटिस दिया जाता है कि इन ड्राफ्ट नियमों पर 18 फरवरी, 2025 के बाद विचार किया जाएगा।”

MeitY ने सुझाव शेयर करने के लिए आमंत्रित किया

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने जनता से इस ड्राफ्ट के संबंध में अपनी आपत्तियां और सुझाव शेयर करने के लिए MyGov.in प्लेटफॉर्म पर उन्हें आमंत्रित भी किया है।

जब से बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर वैश्विक चर्चाएं तेज हुई हैं, अलग अलग देशों ने युवा यूजर्स की सुरक्षा के लिए सख्त उपाय तलाशने शुरू कर दिए हैं। भारत के ड्राफ्ट नियम इस बढ़ती जागरूकता को दर्शाते हैं और बच्चों के लिए एक सुरक्षित डिजिटल माहौल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

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अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile

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