कैसिनी अंतरिक्षयान जल्द ही अपना मिशन करेगा खत्म

Updated on 31-Aug-2017
HIGHLIGHTS

20 साल पहले लॉन्च हुआ था कैसिनी अंतरिक्षयान

करीब एक दशक से ज्यादा शनि ग्रह का अन्वेषण करने वाला अंतरिक्ष यान कैसिनी जल्द ही अपना मिशन खत्म कर देगा. नासा का ये अंतरिक्षयान करीब 13 साल के लंबे वक्त के बाद अपने मिशन को खत्म करने की पूरी तैयारी कर चुका है. ये अंतरिक्षयान करीब 20 साल पहले लान्च हुआ था और शनि ग्रह के ऑर्बिट में जाने के लिए इसे करीब 7 साल लगे. साल 2004 से कैसिनी ने शनि ग्रह के 290 से ज्यादा ऑर्बिट की तस्वीरें और कई इंफॉर्मेशन भेजी है. जो वैज्ञानिकों के लिए कारगर साबित हुई. अब ये अंतरिक्षयान आगामी 15 सितंबर को शनि ग्रह के वातावरण में ही गोता लगाकर खत्म हो जाएगा. तो आइए इसके मिशन और अंतिम दिनों के बारे में कुछ अहम बातें जानते हैं. 

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नि ग्रह के वातावरण में खुद को खत्म करने से पहले कैसिनी अपना अंतिम मिशन पूरा करेगा, जिसे नासा ने नासा ने ग्रैंड फिनाले का नाम दिया है. कैसिनी का अंतिम मिशन अप्रैल महीने में शुरू हुआ और सितंबर में खत्म होगा, और इससे पहले कैसिनी ज्यादा से ज्यादा डाटा भेजेगा. पहले सुरक्षा के मद्देनजर कैसिनी शनि ग्रह के जगहों पर ही जा कर तस्वीरें और इन्फॉर्मेशन भेज सकता था पर अब नासा ने कैसिनी को लगातार डाइव की इजाजत दे दी है, जिससे ये शनि ग्रह, उसके उपग्रह और रिंग्स की ऐसी तस्वीरें और डाटा कलेक्ट करने में सक्षम है. अब कैसिनी अलग-अलग एंगल से ऐसी तस्वीरें लेने में सक्षम है, जो विशिष्ट और अनोखे होंगे और जो पहले कभी नही देखे गए होंगे. 

कैसिनी ने अपने इस लंबे मिशन में अब तक कई आश्चर्यजनक तस्वीरें और इन्फॉर्मेशन भेजें. जिसकी मदद से वैज्ञानिक ये पता लगाने में कामयाब हो सके कि शनि ग्रह पर मौसम कैसे बदलता है. साथ ही ग्रह पर आए भयंकर तूफान के भी गवाह बनें. नासा को उम्मीद है कि कैसिनी के अंतिम कुछ दिनों में शनि ग्रह के अंदर के हिस्से को समझने का मौका मिलेगा.

कैसिनी प्रोजेक्ट के एक वैज्ञानिक लिंडा स्पिलकर के मुताबिक शनि ग्रह के वायुमंडल के कंपोजीशन, ग्रह के अंदर का हिस्सा और इसके रिंग्स की उम्र और साइज के बारे में जानने का मौका मिलेगा. शनि ग्रह और इसके रिंग्स के बीच कैसिनी के जाने से वैज्ञानिकों को पता चला कि ग्रह के वायुमंडल और उसके रिंग्स के बीच जटिल पारस्परिक क्रिया है. और ग्रह के रिंग्स उम्मीद से थोड़ा कम विशाल हैं.

नासा के अनुसार, कैसिनी में रॉकेट फ्यूल खत्म हो रहा है. और फ्यूल खत्म हो जाने पर नासा मिशन को ऑपरेट नहीं कर पाएगा. यानि अंतरिक्षयान के मूवमेंट पर नासा का कोई कंट्रोल नहीं रहेगा. जिसस अंतरिक्षयान के कहीं भी क्रैश होने या टकराने का खतरा है. इसलिए कैसिनी का शनि ग्रह के वायुमंडल में ही डाइव कर खत्म होना सुरक्षित होगा. और ऐसा करने से कैसिनी अतंरिक्षयान शनि ग्रह के अंदरुनी हिस्सों की शानदार तस्वीरे भी भेजने में सक्षम होगा.

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