कैनोपस इलेक्ट्रिक स्कूटर्स का भारत में हुआ लॉन्च, ये तकनीकी इंडिया में किसी के पास नहीं

Updated on 27-Jul-2023
HIGHLIGHTS

पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है और भारत भी इस बाज़ार में मुख्य खिलाड़ी बनने के लिए अग्रसर है

पर्यावरण की बढ़ती समस्याओं और तेल की बढ़ती कीमतों के चलते आज पूरी दुनिया ई-वाहनों के फायदों के बारे में जागरुक हो रही है

इसी के मद्देनज़र ATD ग्रुप और SRAM & MRAM के संयुक्त उद्यम ने कैनोपस ब्राण्ड ई-स्कूटर के लॉन्च के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है

पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ रही है और भारत भी इस बाज़ार में मुख्य खिलाड़ी बनने के लिए अग्रसर है। पर्यावरण की बढ़ती समस्याओं और तेल की बढ़ती कीमतों के चलते आज पूरी दुनिया ई-वाहनों के फायदों के बारे में जागरुक हो रही है। इसी के मद्देनज़र ATD ग्रुप और SRAM & MRAM के संयुक्त उद्यम ने कैनोपस ब्राण्ड ई-स्कूटर के लॉन्च के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया है।

ग्रुप का मानना है कि हरित तकनीक दुनिया का नया मंत्र है। जितनी जल्दी दुनिया इसे स्वीकार कर लेगी, उतना ही यह स्वच्छ दुनिया के निर्माण के लिए और हम सभी के लिए बेहतर होगा। देश भर में संचालन करने वाले कैनोपस का मुख्यालय नोएडा में है।

ग्रुप चरणबद्ध तरीके से ईवी सेगमेन्ट में 100 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। वर्तमान में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोटोटाईप्स तैयार हैं और कंपनी देश भर में डीलर नेटवर्क की नियुक्ति की प्रक्रिया में है। उम्मीद की जा रही है कि ये वाहन मार्च 2022 तक बाज़ार में उपलब्ध होंगे।  

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उम्मीद की जा रही है कि यह वाहन देशभर के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लोगों के लिए फायदेमंद होगा। यह कॉलेज छात्रों से लेकर, स्थानीय बाज़ार जाने वाले लोगों एवं छोटी दूरी तय करने वाले सर्विस क्लास के लोगों को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराएगा। एक और चीज़ जो इसे सबसे खास बनाती है, वह है इसके  संचालन की कम लागत। इस स्कूटर को चलाने की लागत मात्र 20 पैसा प्रति किलोमीटर पड़ती है।

आम जनता के साथ जुड़ने के प्रयास में देश भर में कैनोपस के उपभोक्ता एटीडी ग्रुप की एक कंपनी ATD फाइनैंस से आसान फाइनैंसिंग के फायदे पा सकते हैं।

शुरूआत में 4 मॉडलों – ऑरोरा, स्कारलेट, कोलेट और वलेरिया का लॉन्च किया जाएगा। कैनोपस के ई-स्कूटर में कई पेटेंटेड जर्मन और कोरियाई तकनीकों को शामिल किया गया है, जैसे ट्रांसमिशन के लिए CAMIVT टेक्नोलॉजी, कंट्रोलर के लिए एफओसी टेक्नोलॉजी, टेलर-मेड मोटर, बेहद प्रभावी उर्जा संरक्षण प्रणाली। केनोपस के आर एण्ड डी सेंटर की स्थापना अहमदाबाद में की गई है और कंपनी राजस्थान में प्रोडक्शन युनिट शुरू करने की योजना बना रही है। अप्रैल 2020 से कंपनी में स्कूटरों का उत्पादन शुरू हो जाएगा जो 99 फीसदी स्वदेशी होगा।

स्कूटर में आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा जैसे आईओटी-आधारित टेलीमेटिक्स स्मार्ट टीएफटी डैशबोर्ड और मोबाइल ऐप जो आपकी ज़रूरत की हर जानकारी को डिस्प्ले करेगा जैसे ड्राइवर का ड्राइविंग व्यवहार, बैटरी की स्थिति, राइडिंग मोड्स आदि। कैनोपस स्कूटरों में कई स्मार्ट फीचर्स भी होंगे जैसे ज्योफेंसिंग, जीपीएस टै्रकिंग, महिलाओं के लिए एमरजेन्सी के मामले में एसओएस, रोडसाईड असिस्टेन्स आदि।

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 इस अवसर पर डॉ शैलेश लाचु हीरानंदानी, SRAM & MRAM ग्रुप ने कहा, “समय के साथ बदलना और अपने आप को इनोवेट करते रहना बेहद महत्वपूर्ण है। ई-स्कूटर का लॉन्च आधुनिक तकनीकों के साथ हरित दुनिया के निर्माण की दिशा में एक अनूठा प्रयास है। इस लॉन्च के साथ हमें विश्वास है कि हम सफलतापूर्वक नए सेगमेन्ट में प्रवेश कर रहे हैं और बड़ी संख्या में लोगों को इस नई तकनीक को अपनाने में मदद कर सकेंगे। यह साझेदारी विविध समाधानों का एक पोर्टफोलियो  उपलब्ध कराएगी जो इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेन्ट को मौजूदा बाज़ार में मजबूती से स्थापित करेगा।”

शुरूआत में बैटरी का चार्जिंग टाईम 4-5 घण्टे होगा लेकिन जल्द ही ब्राण्ड बैटरी के लिए नई तकनीक लेकर आएगा जिससे बैटरी को मात्र 30 मिनट में 80 फीसदी तक चार्ज किया जा सकेगा। इसके अलावा बैटरी को रिप्लेस करने और बैटरी स्वैपिंग के विकल्प भी होंगे, साथ ही हर स्थान पर ऐप के साथ इंटीग्रेटेड चार्जिंग स्टेशन भी उपलब्ध होंगे। बैटरी की उर्जा दक्षता को बढ़ाने के लिए कोरियाई विंड पावर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा ताकि वाहन ज़्यादा माइलेज दे।

लॉन्च के अवसर पर मनोरंजन मोहंती, एटीडी ग्रुप ने कहा, “ईवी सेगमेन्ट में प्रवेश के साथ हमें उम्मीद है कि हम किफायती दामों पर बड़ी संख्या में ईवी का उत्पादन कर इस क्षेत्र की खामियों को दूर करने में मदद कर सकेंगे। इन ई-वाहनों के लॉन्च से गांवों से लेकर शहरों तक सभी क्षेत्रों के लोगों को लाभ होगा। मेक-इन-इंडिया को समर्थन देते हुए हम सर्वश्रेष्ठ स्कूटरों और बाइकों के निर्माण के साथ-साथ बड़ी संख्या में रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न करेंगे। इसके अलावा ग्रुप कई अन्य सेवाएं भी उपलब्ध कराएगा जैसे फिज़िकल और टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, चार्जिंग स्टेशन आदि। ”

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“कैनोपस कॉलेज छात्रों, रोज़ाना 20-25 किलोमीटर यात्रा करने वालों, डिलीवरी कंपनियों और कार पार्किंग की समस्या से जूझ रहे लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आएगा। हमारे स्वदेश-विकसित ईवी बड़े पैमाने पर हर तरह के राइडरों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। ग्रुप प्राइवेट गैराज मालिकों एवं मैकेनिकों को री-स्किल भी करेगा, ताकि वे ई-वाहनों की सर्विसिंग कर सकें। अपने री-स्किलिंग प्रोग्राम के लिए हम सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना भी करेंगे, जहां रोडसाईड मैकेनिकों को ई-वाहनों के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे कैनोपस के राइडर उच्च गुणवत्ता की एवं मानकीकृत आफ्टर-सेल्स सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे।” शैलेश आनंदानी, एटीडी ग्रुप ने कहा।    

कुल मिलाकर, कैनोपस के पास ऐसी आधुनिक तकनीक होगी, जो अब तक भारत में किसी ओर ईवी के पास नहीं है।

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