स्पैम कॉल और मैसेज को कहें बाय बाय! भारत सरकार नें उठाया बड़ा कदम, देखें क्या है नया DCA System
DCA का मुख्य लक्ष्य दोनों ही टेलिकॉम कन्सूमर और कमर्शियल कंपनियों के बीच एक सिंगल प्लेटफॉर्म का निर्माण करना है।
इसके माध्यम से टेलिकॉम कन्सूमर्स को अपना कन्सेन्ट देने की आजादी मिलने वाली है। वह इसे मैन्टेन कर सकते हैं। या फिर deny भी कर सकते हैं।
ऐसा होने से यूजर्स अपने आप को किसी भी तरह के स्पैम, फ्रॉड और स्कैम से बचा सकते हैं, जो उनके स्मार्टफोन के माध्यम से शिकार बनाते हैं।
हमारे स्मार्टफोन की स्क्रीन पर बार बार स्पैम मैसेज और कॉल आने का सिलसिला इतने बड़े पैमाने पर बढ़ गया है कि अब बहुत हो चुका है। हर दिन हमें स्पैम कॉल और मैसेज के जाल सा अपने फोन पर दिखाई पड़ता है। किसी भी रैंडम कॉल या मैसेज से पार पाना या उन्हें रीसिव करना किसी के लिए भी एक सरदर्द वाला काम हो सकता है। क्या आपको नहीं लगता है कि अब इसका कोई सोल्यूशंस होना चाहिए?
ऐसे में आपके लिए एक अच्छी खबर लेकर हम आ चुके हैं। असल में देश में मौजूद टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की ओर से एक निर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि सभी एक्सेस प्रोवाइडर (Airtel, Jio) एक Digital Consent Acquisition (DCA) को डिप्लॉइ करें, उन्हें यह टेलिकॉम कमर्शियल कम्यूनिकेशन कस्टमर प्रेफ्रेंस रेग्युलेशन्स 2018 के अंतर्गत करने को कहा गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि यूजर्स को किसी भी तरह के स्पैम कॉल और मैसेज आदि से बचाया जा सके। बिना किसी भी यूजर के कन्सेन्ट के कोई स्पैम कॉल और मैसेज उनके फोन पर नहीं आना चाहिए, यह इस निर्देश का लक्ष्य है।
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यहाँ अब आप जान सकते है कि आखिर TRAI की ओर से दिया गया यह दिशानिर्देश क्या है? कैसे यह हम सभी को प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं।
What is the Digital Consent Acquisition (DCA) System
अभी वर्तमान की बात करें तो सेवा प्रदाता किसी भी कंपनी/ब्रांड को ट्रैक नहीं करती है कि आखिर उन्होंने से किसी भी यूजर से पर्मिशन ली है या नहीं। इसी कारण कोई भी कंपनी अपने आप से हमें अपने आप ही कॉल कर देती है, और कोई भी मैसेज हमारे फोन पर भेज देती है। इसी कारण हमने फोन में बड़े पैमाने पर स्पैम बढ़ते जा रहे हैं। इसी कारण DCA सिस्टम को शुरू करने पर जोर दिया जा रहा है। असल में DCA System का मुख्य लक्ष्य कंपनी/ब्रांड और टेलिकॉम कन्सूमर्स के बीच एक सिंगल प्लेटफॉर्म का निर्माण करना है।
इस सिस्टम में कोई भी यूजर डिजिटल तौर पर किसी भी बैंक, फाइनैन्शल institution, इन्श्योरेन्स कंपनी, ट्रेडिंग कंपनी आदि को यह पर्मिशन देगा कि उसे आपके मैसेज या कॉल उसे चाहिए कि नहीं। अभी के लिए इन सभी कंपनियों का अपना खुद का अलग कन्सेन्ट गेटवे है, इसी कारण कोई भी सेवा प्रदाता इसे ट्रेक नहीं कर पाते हैं और यूजर का कन्सेन्ट है या नहीं इसकी भी जांच नहीं कर पाते हैं।
How Does Digital Consent Acquisition System Work?
DCA प्रणाली बड़े पैमाने पर यूजर सेन्ट्रिक है। जैसा कि मैंने पहले भी आपको बताया है कि, यह दूरसंचार उपभोक्ताओं को एक ऐसा तरीका प्रदान करेगा जहां वे अपनी सहमति दे सकते हैं, इसे मेन्टेन कर सकते हैं, यानि जैसा चल रहा है वैसा ही इसे रहने दे सकते हैं, या जब चाहें तब इसे अस्वीकार भी कर सकते हैं। यह सब टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रेफरेंस रेगुलेशन, 2018 में निर्धारित नियमों के तहत होने वाला है।
इसके तहत, क्या होने वाला है, आइए जानते हैं। एक बार जब उपयोगकर्ता अपनी सहमति प्रदान करते हैं, वैसे ही सभी डेटा एक डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) प्लैटफ़ॉर्म पर साझा किया जाएगा। उसके बाद, आपके विशेष एक्सेस प्रदाता द्वारा इसकी उचित जांच की जाएगी। एक्सेस प्रदाताओं को एक एसएमएस और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म बनाने के लिए भी कहा जाता है, जहां उपभोक्ता जा सकते हैं और किसी विशेष ब्रांड से सहमति संदेश प्राप्त करना बंद करने का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
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Here’s how users can avail of this facility:
- यूजर्स को उनके कन्सेन्ट के लिए एक कॉमन शॉर्ट कोड “127xxx” भेजा जाने वाला है।
- इस मैसेज में सभी डीटेल जैसे पर्पस, स्कोप ऑफ अप्रूवल, ब्रांड जो इस कन्सेन्ट के लिए मैसेज कर रहा है आदि मेंशन होने वाली हैं।
- यहाँ यूजर्स को अपना कन्सेन्ट प्रदान करना है।
- इस मैसेज में मात्र व्हाइटलिस्टिड URLs, APKs, OTT links, और call-back numbers आदि ही होने वाले हैं।
- इसके अलावा कंफर्मेशन मैसेज में यह डिटेल्स भी होने वाली हैं कि कैसे एक यूजर अपने कन्सेन्ट को रीवोक कर सकता है।
- जैसे ही यह सिस्टम पूरी तरह से लागू हो जाता है तो पुराने सभी कन्सेन्ट खत्म हो जाने वाले हैं, इसके बाद एक बार फिर से ब्रांडस को सिस्टम से ही नए अप्रूवल लेने होंगे।
स्पैम आदि को कम करने और कमर्शियल कंपनियों से आने वाले कॉल आदि को रोकने के लिए यह एक महत्त्वपूर्ण कदम हो सकता है। इसके अलावा स्मार्टफोन पर इस समय होने वाले फ्रॉड और स्कैम आदि से भी यूजर्स बड़े पैमाने पर बच सकते हैं। इस कम्यूनिकेशन को 7 नवंबर को जारी कर दिया गया था, अब ऐसा माना जा रहा है कि सभी सेक्टर में इसे 30 नवंबर तक व्यवहार में लाया जा सकता है।
अश्वनी कुमार
अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं। View Full Profile