इस समय भारत पूरे विश्व में डाटा और वॉयस कॉल्स की लोवेस्ट कॉस्ट ऑफर कर रहा है। वित्त मंत्री पियूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019 के दौरान यह जानकारी शुक्रवार को संसद में दी है। गोयल ने बताया कि भारत दुनिया में मोबाइल डाटा कंसम्पशन के मामले में सबसे आगे चल रहा था और यह मोबाइल डाटा कंसम्पशन 50 गुना बढ़ा है।
2016 से भारत में मोबाइल डाटा के यूज़ में इज़ाफा हुआ है, यह बदलाव बाज़ार में रिलायंस जियो के आने के बाद तेज़ी से देखा गया है। इसके बाद से ही टेलिकॉम कम्पनियों में डाटा और टैरिफ का एक युद्ध शुरू हो गया है। भारती एयरटेल हो या वोडाफोन-आईडिया सभी कम्पनियां प्रतिदिन यूज़र्स को 1GB से अधिक डाटा और अनलिमिटेड कॉल्स दे रही हैं और ये ऑफर्स कई प्रीपेड प्लान्स में उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ Rs 200 की श्रेणी में आते हैं तो कुछ Rs 400 की कीमत में भी आते हैं और 84 दिनों की लम्बी अवधि ऑफर करते हैं। इसके चलते भारत में डाटा कंसम्पशन में इज़ाफा हुआ है।
इससे यह भी पता चलता है कि कॉल्स और डाटा की कीमतों में किस तरह गिरावट आई है हालांकि वित्त मंत्री ने भारत में मोबाइल डाटा कंसम्पशन के बारे में अधिक जानकारी साझा नहीं की है लेकिन पिछली रिपोर्ट्स को देख कर कहा जा सकता है कि इसमें लगातार बढ़ोतरी देखी गई है।
2018 में Nokia MbIT की एक स्टडी के आधार पर दिसम्बर 2017 में भारतीय यूज़र्स प्रतिमाह अपने मोबाइल फोंस पर 11GB 4G डाटा का इस्तेमाल करते थे। दिन प्रतिदिन विडियो तेज़ी से ग्रो कर रही हैं और यूज़र्स प्रतिदिन अधिक मोबाइल डाटा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हाल ही में दिसम्बर 2018 में CISCO स्टडी में सामने आया था कि 2022 तक भारत में 829 मिलियन स्मार्टफोन यूज़र्स होंगे, जो कि देश की पूरी जनसँख्या का 60 प्रतिशत है और यह भारत की प्रतिदिन डाटा कंसम्पशन को 5 गुना तक बढ़ाएगा।
पियूष गोयल ने यह भी बताया कि भारत में 268 मोबाइल मोबाइल पार्ट मैन्युफैक्चरिंग कम्पनियां हो चुकी हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिक-व्हीकल्स की प्रमुखता पर भी ध्यान दिया।
ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल इकॉनमी को बढ़ाने के लिए सरकार ने अगले पांच सालों में एक लाख डिजिटल गांव बनाने की योजना बनाई है।