Airtel-Jio और Vi के नाम पर नया स्कैम, TRAI ने चेताया, जमीन हो जाएगी स्कैमर्स के नाम

Updated on 20-Nov-2024

भारत में रोज नए स्कैम को लेकर खबरें आ रही हैं. अब एक नए स्कैम के बारे में लोगों को आगाह किया गया है. TRAI ने लोगों को मोबाइल टावर लगाने के संबंध से जुड़े एक स्कैम को लेकर चेतावानी दी है. इस स्कैम में Airtel, BSNL, Jio और Vi जैसी टेलीकॉम कंपनियों के नाम पर लोगों के साथ फ्रॉड किया जा रहा है.

स्कैमर्स लोगों को Airtel, BSNL, Jio और Vi के मोबाइल टावर लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करते हैं. ऐसे कई मामले सामने भी आ चुके हैं. स्कैमर्स इन कंपनियों के टावर को लगाने के लिए जमीन लीज पर लेने के फर्जी बहाने से लोगों को स्कैम का शिकार बनाते हैं.

इस तरह स्कैम लगातार बढ़ने के बाद अब TRAI ने लोगों को अलर्ट करने के लिए एक वीडियो जारी किया है. इसको लेकर केवल TRAI ही नहीं बल्कि DIPA (Digital Infrastructure Providers Association) और COAI (Cellular Operators Association of India) जैसे उद्योग संगठनों ने भी जनता को चेतावनी दी है.

अपराधी न्यूज पेपर और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन योजना का प्रचार कर रहे हैं. इस फर्जी प्रचार के जरिए दावा किया जाता है कि जो लोग टावर लगाने के लिए अपनी जमीन लीज पर देंगे उन्हें काफी ज्यादा एडवांस दिया जाएगा. इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को स्थाई नौकरी देने का भी ऑफर दिया जाता है.

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स्कैमर्स के पास पहुंच जाता है पर्सनल दस्तावेज

स्कैमर्स विक्टिम को फंसाने के लिए TRAI और दूरसंचार विभाग (DoT) के नाम पर फर्जी No Objection Certificates या NOCs जारी करते हैं. ज्यादातर समय स्कैमर्स टावर लगाने के प्रोसेस को शुरू करने से पहले टैक्स देने के नाम पर एडवांस पैसे मांगते हैं. स्कैमर्स के जाल में फंस कर लोग पैसे के साथ-साथ पर्सनल डिटेल्स और जमीन के दस्तावेज भी उन्हें सौंप देते हैं.

सेलेक्टेड कंपनियां ही लगाती हैं मोबाइल टावर

TRAI ने वीडियो में जोर देकर कहा है कि ना ही ट्राई ना ही डॉट इस तरह के नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी करता है. इसके अलावा दूरसंचार विभाग और नियामक मोबाइल टावर इंस्टॉलेशन को लेकर सीधे व्यक्तियों से संपर्क नहीं करते हैं. भारत में मोबाइल टावर लगाने वाली अधिकृत कंपनियों में Indus Towers, American Tower Corporation, Summit Digital Infrastructure, Ascend Telecom और Tower Vision शामिल हैं.

मोबाइल टावर दूरसंचार इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन्हें टेलीकॉम ऑपरेटर या प्रमाणित डिजिटल इन्फ़्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर वेरिफाई करते हैं. मोबाइल टावर लगाने का दावा करने वाले किसी भी कंपनी या व्यक्ति की पहचान के लिए आप दूरसंचार विभाग की वेबसाइट (dot.gov.in) को चेक कर सकते हैं.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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