दिल्ली हाईकोर्ट ने कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर स्टार इंडिया द्वारा दायर एक मुकदमे की सुनवाई के बाद 18 वेबसाइटों को 'ब्रह्मास्त्र पार्ट वन : शिवा' की स्ट्रीमिंग अवैध रूप से करने से रोक दिया है। स्टार इंडिया ने कहा कि यह एक प्रथा है कि पहले फिल्म को रिलीज किया जाए और फिर देखने के लिए इसे विभिन्न प्लेटफार्मो पर उपलब्ध कराया जाए।
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किसी फिल्म की नाटकीय रिलीज सबसे महत्वपूर्ण चरण है, क्योंकि किसी फिल्म का व्यावसायिक मूल्य इस अवधि में प्राप्त लोकप्रियता और सफलता पर निर्भर करता है।
हालांकि, अवैध लाभ कमाने के लिए दुष्ट वेबसाइटें उल्लंघनकारी प्रतियां बनाती हैं और उन्हें फिल्म की नाटकीय रिलीज के साथ-साथ देखने, डाउनलोड करने और जनता के लिए संचार के लिए उपलब्ध कराती हैं। अतीत में कई फिल्मों की उल्लंघनकारी प्रतियां निर्मित/ वादी द्वारा वितरित जनता को सूचित किया गया था और विभिन्न वेबसाइटों पर देखने और डाउनलोड करने के लिए विमोचन के कुछ घंटों के भीतर उपलब्ध कराया गया था।
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पक्षकारों की दलीलों पर विचार करने के बाद न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने वादी (स्टार इंडिया) द्वारा फिल्म के निर्माण और प्रचार में किए गए निवेश का अवलोकन करते हुए कहा कि कॉपीराइट अधिनियम के प्रावधानों के तहत इसमें निहित विशेष अधिकार है।
यह दूरसंचार विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी निर्देश दिया गया था कि वे विभिन्न इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को नकली वेबसाइटों तक पहुंच को अवरुद्ध करने के लिए आवश्यक अधिसूचनाएं जारी करें।
अदालत ने भी इसको लेकर अपना फैसला सुनाते हुए कह दिया है कि 'ब्रह्मास्त्र' के अवैध स्ट्रीमिंग पर पूरी तरह से रोक है।
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