एंट्री से पहले ही मुसीबत में मस्क! Starlink की मदद से भारत पहुंची 35000 करोड़ की ड्रग्स, अब पुलिस करेगी पूछताछ

Updated on 04-Dec-2024

Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस जल्द भारत में लॉन्च होने वाली है. इसको लेकर लोगों को इंतजार भी है. हालांकि, इसकी कीमत को लेकर अभी भी कंफ्यूजन है. लेकिन, इन सब के बीच Elon Musk एक नई मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं. Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस पुलिस के जांच के घेरे में हैं.

Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को लेकर आरोप है कि ड्रग तस्करों ने भारत में आने के लिए इसके ही नेविगेशन सिस्टम का इस्तेमाल किया. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान पुलिस तस्करों का पता लगाने के लिए कंपनी से जानकारी मांगेगी. आपको बता दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पुलिस ने पिछले हफ्ते सबसे बड़ी ड्रग खेप को जब्त किया था.

इस ऑपरेशन में लगभग 35 हजार करोड़ के ड्रग की खेप को बरामद किया गया था. पुलिस को 6,000 किलो से भी अधिक मेथ मिले थे. इस ऑपरेशन के सिलसिले में छह म्यांमार नागरिकों को हिरासत में लिया गया है. यह पहली बार हुआ है जब स्टारलिंक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारतीय जल सीमा में गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया गया है.

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समुंद्र में चला रहे थे इंटरनेट

इससे इसके संभावित दुरुपयोग को लेकर चिंताएं पैदा हो रही हैं. पुलिस अधिकारी के अनुसार, तस्करों ने परंपरागत संचार चैनलों को बायपास करने के लिए Starlink डिवाइस का इस्तेमाल किया. उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान कम्युनिकेशन के लिए एक Wi-Fi हॉटस्पॉट बनाया.

पुलिस ने इस मामले को अलग बताया है. इस मामले में सभी कानूनी चैनलों को बायपास करके सीधे सैटेलाइट से वे फोन चला रहे थे. मिली जानकारी के अनुसार, तस्कर म्यांमार से अपनी यात्रा शुरू होने के बाद से Starlink का इस्तेमाल कर रहे थे. इस वजह से स्टारलिंक से और ज्यादा डिटेल्स मांगने की प्लानिंग पुलिस कर रही है.

इससे वे डिवाइस खरीदने की डेट, इसके इस्तेमाल और हिस्ट्री के बारे में पता कर पाएंगे. पुलिस के अनुसार, तस्करों ने Starlink Mini डिवाइस का इस्तेमाल किया. यह डिवाइस एक कॉम्पैक्ट, पोर्टेबल किट है जो आसानी से बैकपैक में फिट हो सकता है. इसको इस्तेमाल करने के लिए कहीं भी साथ में ले जाया जा सकता है.

आपको बता दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पुलिस इस पूरे नेटवर्क में किसी स्थानीय या विदेशी सिंडिकेट की भागीदारी की जांच भी कर रही है. Starlink अंतर्राष्ट्रीय जल सीमा में इंटरनेट कवरेज प्रदान करता है. यह फिलहाल भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.

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Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं.

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