एशिया प्रशांत क्षेत्र के संस्थान कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए आधारिक संरचना का जीर्णोद्धार करने के लिए तैयार

एशिया प्रशांत क्षेत्र के संस्थान कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए आधारिक संरचना का जीर्णोद्धार करने के लिए तैयार
HIGHLIGHTS

89 फीसदी संस्थान अगले 12 महीनों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को लागू करने की योजना बना रहे हैं।

एशिया प्रशांत क्षेत्र अर्थव्यवस्थाएं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रौद्योगिकियों के द्वारा प्रदान की जानेवाले उत्पादकता लाभों को प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। वैश्विक आँकड़ों और उनके भंडारण के क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सीगेट टेक्नोलॉजी के द्वारा किए गए एक नए शोध के अनुसारए 96 प्रतिशत वरिष्ठ सूचना प्रौद्योगिकी के कार्मिकों का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाले अनुप्रयोग उत्पादकता एवं व्यवसाय के प्रदर्शन को प्रेरित करेंगे। हालांकिए उतनी ही संख्या में उत्तरदाताओं (95 फीसदी) का मानना है कि उनके सूचना प्रौद्योगिकी के अधारभूत ढाँचे में और अधिक निवेश करने की आवश्यकता है ताकि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग में सहयोग करने के लिए सक्षम हो सकें।

सीगेट का शोधकार्यए "डाटा पल्स: मैक्सिमाइजिंग द पोटेंशियल ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस", एशिया प्रशांत क्षेत्र ;एपीएसीद्ध के सभी प्रमुख बाजार क्षेत्रों में व्यावसायिक वर्गों के द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाने की तत्परता के विभिन्न स्तरों और उसके कार्यान्वयन के साथ.साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोगों को शामिल करने में संस्थानों के समक्ष पेश आनेवाले वाले अवसरों और चुनौतियों की समीक्षा करता है।

इस अध्ययन के द्वारा 89 प्रतिशत ऐसे संस्थानों को चिन्हित किया गया है जो आनेवाले एक वर्ष में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रौद्योगिकियों को संस्थान में ही सूचना प्रोद्योगिकीए आपूर्ति श्रृंखलाए उपस्करए उत्पाद अभिनवता और अनुसंधान एवं विकास के साथ.साथ वित्त एवं ग्राहक सहायता जैसे क्षेत्रों में कार्यान्वित करने की योजना बना रही हैं। हालाँकिए दो तिहाई उत्तरदाताओं ने दर्शाया है कि उन्हें यह समझने में कठिनाई हो रही है कि शुरू कहाँ से करना है।

"विश्लेषकों, प्रौद्योगिकी की प्रमुख कंपनियों और विचारवान प्रमुख व्यक्ति मिलकर चर्चा कर रहे हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को अपनाने वाली कंपनियाँ एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल कर लेंगी। सीगेट टेक्नोलॉजी के वैश्विक सेल्स और सेल्स परिचालनों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, बी एस तेह ने कहा, "एशिया प्रशांत क्षेत्र में तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओंए प्रतिभाओं के उभरते समूहों और बहुत अधिक संपर्क में रहने वाले जनसमूहों के साथए एपीएसी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का लाभ प्राप्त करने के बहुत अच्छे अवसर हैं।" "कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रदान किए जाने वाले महत्वपूर्ण लाभों से पूर्ण रूप से लाभान्वित होने के लिए, एशिया प्रशांत क्षेत्र के संस्थानों को आँकड़ों की विश्लेषणों और वास्तविक आधार पर आँकड़ों के वास्तविक प्रसंस्करण की आवश्यकताओं के लिए अनुकूलता प्रदान करने हेतु सक्रिय आधारभूत संरचना और पारिस्थितिक तंत्रों विकसित करना चाहिए।"

इस क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की प्रौद्योगिकियों के तटस्थ स्वीकृति के बावजूदए इस रिपोर्ट से यह पता चला कि बड़ी संख्या में संस्थानों ने प्रौद्योगिकी का पूरी तरह से समर्थन करने के लिए आवश्यक आँकड़ों और प्रौद्योगिकी के समाधानों में निवेश नहीं किया है। 89 फीसदी  उत्तरदाताओं ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समाधानों को लागू करने की योजना बना रहे हैं, लेकिन 31 फीसदी उत्तरदाताओं को नहीं लगता कि पर्याप्त निवेश किया जा रहा है। पाँच में से एक संस्थान ने यह बताया है कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोगों के उपयोग से बढ़ रहे आँकड़ों के आवागमन को संभालने के लिए तैयार या सक्षम नहीं थे। इसके अलावा, जहाँ 95 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमता के अनुप्रयोगों के साथ आँकड़ों के तटस्थ भंडारण के समाधानों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है, 15 प्रतिशत का कहना है कि उन्होंने वर्तमान समय में या भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए तैयार होने के लिए आँकड़ों के भंडारण में पर्याप्त रूप से निवेश नहीं किया है।

इस शोध से प्राप्त हुई प्रमुख जानकारियाँ है:

  • एपीएसी में 96 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग उत्पादकता और व्यवसाय में सुधार को प्रेरित करेंगे
  • 74 फीसदी उत्तरदाताओं ने पहले से ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समाधानों को लागू करना शुरू कर दिया हैए जिसमें से 89 फीसदी कह रहे हैं कि वे अगले 12 महीनों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता प्रौद्योगिकियों को लागू करेंगे
  • 70 फीसदी संस्थान यह मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का तीन वर्षों के भीतर उनके उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा
  • 95 फीसदी उत्तरदाता मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते अनुप्रयोगों के साथ आंकडों के तटस्थ भंडारण के समाधानों की आवश्यकता बढ़ती जा रही हैए फिर भी 15 फीसदी का कहना है कि उन्होंने वर्तमान समय में या भविष्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए तैयार रहने के लिए आँकड़ों के भंडारण में पर्याप्त रूप से निवेश नहीं किया है। 
  • 94 फीसदी उत्तरदाताओं का मानना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए आँकड़ों की सुरक्षा महत्वपूर्ण हैए फिर भी 10 फीसदी से अधिक संस्थान नियमित रूप से अपनी आँकड़ों की सुरक्षा की रणनीति अद्यतन या उसकी समीक्षा नहीं करते हैं
 

कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कार्यान्वयन के प्रमुख चुनौतियों की इस प्रकार है: 

    1. स्पष्ट रणनीति और दिशा
    2. सूचना प्रौद्योगिकी की आधारभूत संरचना
    3. बजट
    4. नेतृत्व करने वाले दल की प्रतिबद्धता
    5. प्रतिभा
    6. कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कार्यान्वयन के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं
    7. सूचना प्रोद्योगिकी- 73 फीसदी 
    8. आपूर्ति श्रृंखला/ उपस्कर- 51 फीसदी 
    9. उत्पादन अभिनवता और अनुसंधान एवं विकास- 45 फीसदी 
    10. ग्राहक सहायता- 43 फीसदी
     

    भारत के संदर्भ में प्रमुख तथ्य: 

    •  लगभग सभी उत्तरदाताओं (90 फीसदी) ने अपने व्यवसाय के एक या एक से अधिक क्षेत्रों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता को कार्यान्वित किया है . इस क्षेत्र में यह सबसे अधिक है (एपीएसी में 74 फीसदी की तुलना में)। इन क्षेत्रों में सूचना प्रोद्योगिकी (83 फीसदी);  ग्राहक सहायता (46 फीसदी); उत्पाद अभिनवता/अनुसंधान एवं विकास (42 फीसदी); और आपूर्ति श्रृंखला/उपस्कर (38 फीसदी) शामिल है।
    • लगभग सभी अगले 12 महीनों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भी अधिक समाधानों का उपयोग करने या उसे अपनाने की योजना बना रहे हैं। (99 फीसदी)।
    • 80 फीसदी मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का 3 वर्षों के भीतर उनके उद्योगों पर स्पष्ट रूप से दिखने वाला प्रभाव पड़ेगा।
    • 96 फीसदी मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समाधान आँकड़ों की निरंतर बढ़ती हुई मात्रा उत्पन्न करेंगे, और लगभग सभी उत्तरदाताओं (95 फीसदी) का मानना है कि आँकड़ों के तटस्थ भंडारण के समाधानों की आवश्यकता बढ़ती जा रही है।
    • अधिकांश उत्तरदाताओं को यह बात समझने में कठिनाई हो रही है कि वे अपने संस्थान का विकास और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का क्रियान्वयन कहाँ से आरंभ करें  (75 फीसदी), और लगभग सभी सहमत हैं कि अगर उनके पास कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सही प्रतिभा उपलब्ध हो तो वे और भी अधिक कार्य कर सकते हैं।

    आईडीसी द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि आँकड़ों के वैश्विक विश्लेषण के अधीन, आँकड़ों का क्षेत्र 2025 में 50 से 5.2ZB की दर से बढ़ सकता है, और 2025 में मशीन के द्वारा सीखने की प्रक्रिया के माध्यम से, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के द्वारा संसाधित विश्लेषण आँकड़ों की मात्रा को 100 से 1.4ZB की दर से बढ़ा सकते हैं। आज के आँकड़ों की दुनिया में सेवा स्तर के समझौते को बाधित किए बिना नेटवर्क भंडारण क्षमता का शीघ्रता से और किफ़ायती तरीके से विस्तार करने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है। दुनिया भर में  कृत्रिम बुद्धिमत्ता में पहले ही 39 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया जा चुका है, जिसमें एशिया प्रशांत क्षेत्र का खर्च 2021 तक 4.6 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जायेगा।

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