Google ने की AI इंटीग्रेशन के साथ एंड्राइड P की घोषणा, जानें क्या मिल रहा है नया
Google ने एंड्राइड P के लिए ओपन बीटा प्रोग्राम की भी घोषणा की है और ऐसा पहली बार हो रहा है जब नॉन-गूगल फोन्स भी इस प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे, जिसमें आगामी OnePlus 6 भी शामिल है।
मंगलवार रात को घटित हुए Google I/O में कंपनी ने एक के बाद एक कई रोमांचक घोषणाएं की और आखिरकार हम अगले एंड्राइड वर्जन की झलक भी देख पाए। एंड्राइड के नए वर्जन को P कॉडनेम दिया गया है, हालाँकि अभी हम यह नहीं जानते हैं कि इसे किस डेजर्ट के रूप में जाना जाएगा। अब हमें कोई आँकड़ें लगाने की आवश्यकता नहीं है कि अगले मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में हमें Google से क्या मिलने वाला है।
AI द्वारा संचालित OS की शुरुआत
Google का कहना है कि एंड्राइड P आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ मूल से एक ऑपरेटिंग सिस्टम की शुरुआत होगी। Google के इंजीनियरिंग वाईस प्रेसिडेंट (एंड्राइड) Dave Burke ने कहा कि बैटरी लाइफ एक चिंता का विषय रही है। एंड्राइड P का AI चोप्स आपके ऐप यूसेज पैटर्न का विश्लेषण कर के और CPU बिहेवियर को इस तरह से कण्ट्रोल करने पर ध्यान केन्द्रित करेगा ताकि केवल ज़रूरी ऐप्स ही कीमती रिसोर्स का उपयोग कर सकें। मतलब, Google AI का उपयोग यूसेज पैटर्न का अध्ययन करने और CPU को समायोजित करने के लिए करेगा। Burke ने कहा इंटरनल टेस्ट में ये 30 प्रतिशत तक बेहतर बैटरी लाइफ ऑफर करने में सक्षम थे।
आसानी के दिन
एंड्राइड P पर काम कर रही इंजिनीरिंग टीम का अधिक ध्यान ऑपरेटिंग सिस्टम को यूज़र्स से इंटरैक्ट करने के लिए आसान बनाना है। रुमर में रहे नए जेस्चर-आधारित UI नेविगेशन सिस्टम के बारे में अब पुष्टि हो चुकी है (और यह वैकल्पिक है)। एक युनीक रोटेशन कन्फर्मेशन सेटिंग दी गई है जिसके ज़रिए आप प्रति ऐप के लिए रोटेशन प्रेफेरेंस रख सकते हैं और यहाँ तक कि यह यूज़र्स को वोल्यूम कण्ट्रोल को सेट करने की अनुमति भी देता है। अब अगर आप वोल्यूम रॉकर को हिट करते हैं तो एंड्राइड P रिंगर वोल्यूम के बजाए डिफ़ॉल्ट रूप में ही मीडिया वोल्यूम को एडजस्ट कर देगा। क्विक सेटिंग्स मेनू को भी पूरा नया लुक दिया है। बल्कि जब आप के पास कोई कॉल आता है तो इसका संकेत भी बदल गया है यह क्विक सेटिंग्स पैनल में वाइट बॉक्स की तरह दीखता है।
डिजिटल वेलबींग
Google स्वीकार करता है कि एक ऐसे तरीके की आवश्यकता है जिससे मॉनिटर किया जा सके कि लोग अपने फोन्स के साथ कितना समय व्यतीत करते हैं। Google ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए यह भी ध्यान दिया है कि लोगों के लिए यह जानना ज़रूरी है कि वह अपने फोन में मौजूद ऐप्स के साथ क्या कर रहे हैं, लोग कितनी बार अपने डिवाइस को अनलॉक करते हैं और क्यों करते हैं। इसका सुझाव एंड्राइड डैशबोर्ड है, इस टूल के ज़रिए आप जान पाएंगे कि आप किस वे में अपने फोन को किस लिए इस्तेमाल करते हैं। आप ऐप्स पर टाइमर भी सेट कर सकते हैं जिससे आप उन ऐप्स को उपयोग करने का समय नियंत्रित कर सकते हैं। एक बार प्री-डिफाइन टाइम लिमिट पूरी होने के बाद आइकॉन ग्रेस्केल में टर्न हो जाएगा जिससे आपको संकेत मिलेगा कि आप अपने लिमिट पूरी कर चुके हैं। Google ने एंड्राइड P में विंड डाउन मॉड भी शामिल किया है जिससे अँधेरे के बाद यह नाईट लाइट ऑन करेगा और डू नॉट डिस्टर्ब को टर्न ऑन भी कर देगा। आप जो अपना सोने का समय चुनेंगे उस समय डिवाइस की स्क्रीन ग्रेस्केल पर फेड हो जाएगी।
ऑपरेटिंग सिस्टम को नया लुक देने के लिए तीन बड़े फीचर्स के अलावा एंड्राइड P में विजुअल बदलाव भी किए गए हैं। Google ने एंड्राइड P के लिए ओपन बीटा प्रोग्राम की भी घोषणा की है और ऐसा पहली बार हो रहा है जब नॉन-गूगल फोन्स भी इस प्रोग्राम का हिस्सा बनेंगे, जिसमें आगामी OnePlus 6 भी शामिल है।