भाषाई ई.मेल की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए अब आप दुनिया के पहले निशुल्क भाषाई ई. मेल एड्रेस ‘डाटामेल’ का उपयोग अपने कंप्यूटर पर भी वेब ब्राउजर के जरिए भी कर सकते हैं। इंटरनेट यूजर अब क्रोम, फायरफॉक्स, इंटरनेट एक्सप्लोरर, ओपेरा, सफारी, नेटस्केप, फ्लोक्स आदि जैसे सभी लोकप्रिय ब्राउजरों से भाषाई ई.मेल सेवा का उपयोग कर सकते हैं।
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भारत में बना ‘डाटामेल’ ऐप आपको 8 भारतीय भाषाओं में ई.मेल आईडी बनाने की सुविधा देता है। साथ ही, यह अंग्रेजी, अरेबिक, रशियन और चाइनीज भाषा में भी ई.मेल आईडी की सुविधा मुहैया कराता है। आने वाले समय में डाटा एक्सजेन टैक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से 22 भाषाओं में ई.मेल आईडी क्रिएट करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए डाटामेल ऐप को किसी भी एंड्रॉयड या आईओएस के जरिए उनके प्लेस्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है।
डाटा एक्सजेन टैक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और सीईओ डॉ. अजय डाटा कहते हैं. “देश की 89 प्रतिशत गैर अंग्रेजी भाषी आबादी को साथ लिए बिना डिजिटल इंडिया का कोई मतलब नहीं है। इसलिए यह जरूरी है कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के मिशन को पूरा करने के लिए सरकारी और निजी क्षेत्र साथ मिलकर प्रयास करें, ताकि देश के अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों के लोगों तक उनके लिए अनुकूल टैक्नोलॉजी पहुंचाई जा सके।” उन्होंने आगे कहा, “वेब ब्राउजर के माध्यम से ई.मेल का इस्तेमाल करना सिर्फ एक आदत नहीं है, बल्कि इस तरह आपको अनेक ऐसी सुविधाएं भी मिलती हैं, जो मोबाइल फोन पर उपलब्ध नहीं हैं, जैसे रिच फॉर्मेटिंग के साथ बल्क ई.मेल, शैड्यूल ई.मेल या फिर बड़े अटैचमेंट भेजना।”
अनुमान है कि भारत में 10 करोड़ से अधिक लोग स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं करते, लेकिन साइबर कैफे या सार्वजनिक इंटरनेट सेवा के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग करते हैं। इसीलिए हर किसी को सक्षम बनाने और उन्हें ऑनलाइन लाने के लिए तथा पूरी क्षमता के साथ इंटरनेट की ताकत का उपयोग करने के लिए वेब के माध्यम से भाषाई ई.मेल का उपयोग करना बेहद जरूरी है।
देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा हिंदी है, जिसका इस्तेमाल 544.39 मिलियन लोग करते हैं। अन्य भाषाएं और उनके उपयोगकर्ताओं की संख्या इस प्रकार है. बंगाली -107.60 मिलियन, तेलुगू- 95.40 मिलियन, मराठी- 92.74 मिलियन, तमिल- 78.41 मिलियन, उर्दू- 66.47 मिलियन, गुजराती- 59.44 मिलियन, कन्नड़- 48.96 मिलियन, पंजाबी- 37.55 मिलियन, और असमी- 16.98 मिलियन। साफ है कि देश की आबादी का एक बड़ा वर्ग, करीब 1147.95 मिलियन लोग (करीब 89 प्रतिशत) क्षेत्रीय भाषाओं का उपयोग करते हैं।
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