AI का सही इस्तेमाल हमारे कई काम को आसान कर सकता है. ऐसा लगातार साबित होता रहा है. अब ताजा मामला केरल से आया है. जहां पर AI की वजह से पुलिस ने 19 साल पुराने ट्रिपल मर्डर केस को सॉल्व कर लिया है. साल 2006 का केस अब AI की वजह से सॉल्व हो पाया और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. आइए आपको पूरा मामला बताते हैं.
साल 2006 में केरल के कोल्लम में एक त्रासदी हुई थी. एक मां और उसके नवजात जुड़वां बच्चों को उनके घर में मृत पाया गया था. मृतक की मां ने घर में अपनी बेटी और 17 दिन की जुड़वां बच्चियों को खून से लथपथ पाया. तीनों की गला काटकर हत्या की गई थी. केरल पुलिस ने इसकी जांच शुरू की.
जांच के दौरान व्यक्ति डिविल कुमार और राजेश पर शक गया. जो पठानकोट सैन्य अड्डे पर तैनात सेना के जवान थे. लेकिन, दोनों की लोकेशन पुलिस को हासिल नहीं हो पा रही थी. अब 19 साल बाद केरल पुलिस ने AI को धन्यवाद देते हुए ठंडे पड़े इस मामले को सुलझा लिया और दो अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि मृतका रंजनी और डिविल एक ही गांव के निवासी थे. दोनों रिलेशनशिप में थे. लेकिन, रंजनी के गर्भवती होने पर डिविल ने खुद को उससे दूर कर लिया और पठानकोट चला गया. जनवरी 2006 में रंजनी के जुड़वां बेटियों को जन्म देने के बाद अनिल कुमार ने रंजनी से दोस्ती की. उसने उसे सपोर्ट भी ऑफर किया.
रंजनी इस बात से अनजान थी कि अनिल कुमार उसका बदला हुआ नाम था. असल में उसका नाम राजेश था जो आर्मी में डिविल का दोस्त था. दोनों ने मिलकर ही रंजनी की हत्या की साजिश रची थी. डिविल को सजा दिलाने के लिए रंजनी ने उसकी पैटर्निटी साबित करने के लिए DNA टेस्ट कराने के लिए मजबूर करने के लिए राज्य महिला आयोग से ऑर्डर प्राप्त किया.
इसके बाद ही दोनों ने उसकी हत्या का प्लान बनाया. राजेश ने किसी बहाने से रंजनी की मां को घर से बाहर भेज दिया था. जब वह बाहर थी तो उसने बेहरमी से रंजनी और उसकी नवजात जुड़वां बच्चियों की हत्या कर दी. अपराध की जगह पर मिली एक बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर के सहारे पुलिस पठानकोट में एक सैन्य शिविर तक पहुंची. हालांकि, आरोपी वहां से पहले ही फरार हो गए थे.
साल 2023 में केरल पुलिस की टेक्निकल इंटेलिजेंस विंग ने ठंडे मामलों की दोबारा जांच करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना शुरू कर दिया. रंजनी के हत्यारों तक पहुंचने के लिए उन्होंने 19 साल बाद की उनकी फोटो तैयार करने में AI की मदद ली. इसके लिए उन्होंने पुरानी फोटो को AI की मदद से एन्हांस किया.
इसके बाद इन इमेज की तुलना सोशल मीडिया पर फोटो से की गई. सोशल मीडिया पर खोज करने के बाद उन्हें एक शादी की फोटो मिली. फोटो में संदिग्ध राजेश से 90% सिमिलरिटी थी. उसकी लोकेशन पता करने पर पुलिस को जानकारी मिली वह पुडुचेरी में लोकेटेड था. बस उसको पकड़ने में पुलिस कामयाब हो गई. उसके पकड़ाते ही उसकी मदद से दूसरे संदिग्ध डिविल का भी पता चल गया.
दोनों को अपराध के लगभग 20 साल बाद 4 जनवरी को गिरफ्तार किया गया. वह लंबे समय से नई पहचान बनाकर इंटीरियर डिजाइनर के तौर पर काम कर रहे थे. उनलोगों ने अपने नाम भी बदल लिए थे.
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