AI से उत्तर लिखने का आरोप लगा यूनिवर्सिटी ने किया फेल, हाई कोर्ट पहुंचा छात्र, दिया ये जवाब

AI से उत्तर लिखने का आरोप लगा यूनिवर्सिटी ने किया फेल, हाई कोर्ट पहुंचा छात्र, दिया ये जवाब

AI का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है. अब स्कूल-कॉलेज में भी स्टूडेंट्स AI का इस्तेमाल करने लगे हैं. अब AI की वजह से एक कॉलेज स्टूडेंट का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के खिलाफ पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. कॉलेज के खिलाफ LLM के एक छात्र ने याचिका दायर की थी.

छात्र ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी से ही पढ़ाई पूरी कर रहा है. छात्र ने यूनिवर्सिटी पर आरोप लगाया है कि एग्जाम में उसके आंसर को विश्वविद्यालय ने AI जनरेटेड बता दिया. इसके बाद उसे एग्जाम में भी फेल कर दिया. छात्र ने यह भी दावा कि यूनिवर्सिटी इस बात का प्रूफ देने में भी नाकाम रहा.

उसने इस बात को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. छात्र की दलील सुनने के बाद अब कोर्ट ने यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी. अगली तारीख पर न्यायमूर्ति जसगुरपीत सिंह पुरी ने इस पूरे मामले में यूनिवर्सिटी को जवाब देने के लिए कहा है.

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याचिकाकर्ता LLM की कर रहा पढ़ाई

मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि यह याचिका जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में मास्टर्स ऑफ लॉ (एलएलएम) की पढ़ाई कर रहे कौस्तुभ शक्करवार ने दायर की है. खास बात है कि याचिकाकर्ता देश के चीफ जस्टिस के साथ कानून शोधकर्ता के रूप में काम कर चुका है.

कौस्तुभ शक्करवार एक लीगल संबंधित एआई प्लेटफॉर्म भी चलाते हैं. फिलहाल वह इंटेलेक्चुअल लॉ में भी प्रैक्टिस कर रहे हैं. बार एंड बेंच की रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘वैश्वीकरण की दुनिया में कानून और न्याय ‘ विषय की परीक्षा को लेकर उनसे कहा गया कि उनका जवाब 88% एआई-जनरेटेड है.

AI के इस्तेमाल पर नहीं है कोई बैन

इसके बाद उन्हें इस सब्जेक्ट में फेल भी कर दिया गया है. इसके खिलाफ उन्होंने अपील की लेकिन फैसला उनके पक्ष में नहीं आया. उनका कहना है एग्जाम में दिए गए उत्तर उन्होंने खुद से लिखे हैं. इसके अलावा विश्वविद्यालय में AI का उपयोग भी बैन नहीं है तो उन्हें फेल नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि AI सिर्फ एक टूल के रूप में काम करता है. यह तर्क देते हुए कि साहित्यिक चोरी साबित करने के लिए पहले कॉपीराइट का उल्लंघन साबित करना जरूरी है. शक्करवार यह दावा करते हैं कि उन्होंने अपनी रचनात्मक प्रक्रिया में AI का इस्तेमाल मूल विचार के बदले में नहीं बल्कि सहायता के रूप में किया था.

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Sudhanshu Shubham

Sudhanshu Shubham

सुधांशु शुभम मीडिया में लगभग आधे दशक से सक्रिय हैं. टाइम्स नेटवर्क में आने से पहले वह न्यूज 18 और आजतक जैसी संस्थाओं के साथ काम कर चुके हैं. टेक में रूचि होने की वजह से आप टेक्नोलॉजी पर इनसे लंबी बात कर सकते हैं. View Full Profile

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