सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब नए मोबाइल कनेक्शन, बैंक अकाउंट, स्कूल ऐडमिशन आदि के लिए आधार नंबर देना अनिवार्य नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने भारत में आधार पर नया फैसला सुनाया है, जिसके तहत आधार लिंकिंग पर जोर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आधार के हक़ में फैसला लेते हुए कहा कि युनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर वैध है लेकिन इसे अनिवार्य नहीं किया जा सकता है। भारतीय चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच न्यायाधीशीय बेंच ने आधार योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है और कुछ प्रोविजन के अलावा, अधिनियम के अधिकांश प्रावधानों को भी बरकरार रखा है।
सुप्रीम कोर्ट की 5 न्याय्धीशीय बेंच ने सेक्शन 57 को हटा दिया है, जो निजी कम्पनियों आदि को हर कार्य के लिए आधार कार्ड की डिमांड करने की अनुमति देता था। परिणामस्वरूप, अब कोई स्कूल, ऑफिस या कम्पनी किसी को 12 डिजिट का युनीक नंबर दने के लिए फ़ोर्स नहीं कर सकती है। न ही अब बैंक एकाउंट्स खोलने या मोबाइल कनेक्शन लेने के लिए आधार नंबर की आवश्यकता है। हालांकि, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने और PAN कार्ड के लिए अप्लाई करने के लिए आधार नंबर अभी भी अनिवार्य है।
1. पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अनिवार्य है 2. इनकम टेक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार अनिवार्य है 3. इसके अलवा सरकार द्वारा पाई जाने वाली सब्सिडी और वेलफेयर स्कीम का लाभ उठाने के लिए भी aadhaar अनिवार्य है।
1. सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले के बाद बैंक अकाउंट खोलते समय आधार लिंक करने की आवश्यकता नहीं है 2. सेक्शन 57 को हटाने के बाद टेलिकॉम और ई-कॉमर्स कम्पनियां भी अब आधार की डिमांड नहीं कर सकती हैं इसलिए अब आपको नया मोबाइल कनेक्शन लेने या ऑनलाइन शोपिंग करने के लिए आधार की आवश्यकता नहीं है 3. स्कूल में दाखिला लेने के लिए बच्चों को आधार डिटेल्स देने की भी ज़रूरत नहीं है और आधार डिटेल्स न देने के कारण स्कूल उन्हें किसी भी तरह की स्कीम के लाभ से उन्हें नहीं रोक सकता है 4. CBSE, UGC और NEET परीक्षाओं में भी अब आधार अनिवार्य नहीं है