लगभग 67 लाख Indane Gas उपभोक्ताओं का Aadhaar डाटा हुआ लीक, कहीं आप तो इसमें नहीं?

लगभग 67 लाख Indane Gas उपभोक्ताओं का Aadhaar डाटा हुआ लीक, कहीं आप तो इसमें नहीं?
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जैसा कि आप जानते हैं कि Indane Website पोर्टल पर एक्सेस करने के लिए किसी भी तरह के क्रेड़ेंशल की जरूरत नहीं होती है। इसी को देखते हुए सिक्यूरिटी शोधकरता Elliot Alderson ने लगभग 58 लाख Indane Gas उपभोक्ताओं के आधार डाटा जैसे उनके नाम, पते आदि को कलेक्ट कर लिया है।

जहां एक ओर भारत में आधार डाटा को लेकर भारत के लोग चिंता में रहते हैं, लेकिन इसपर भी UIDAI उन्हें हमेशा यही कहता रहता है कि उनके डाटा को कुछ भी नहीं हो सकता है, उनका डाटा एकदम सुरक्षित है। इसके अलावा यह ऐसा भी कहता है कि आपको डरने की जरूरत नहीं है। हालाँकि अगर हम फ्रेंच सिक्यूरिटी शोधकरता Robert Bapstiste की बात करें, यह ट्विटर अकाउंट Elliot Alderson के नाम से भी जाने जाते हैं। इन्होंने एक आर्टिकल को प्रकाशित करके इसमें कहा है कि इंडियन आयल कारपोरेशन द्वारा चलित INDANE LPG प्रोवाइडर Indane ने लगभग 5।8 मिलियन यूजर्स के आधार डाटा को लीक कर दिया है। 

सिक्यूरिटी शोधकरता का कहना है कि Indane की ओर से आधार डाटा के अलावा अन्य डाटा को भी लीक किया जा रहा है, इसका मुख्य कारण यह है कि कंपनी की लोकल डीलर वेबसाइट पर ऑथेंटिकेशन की कमी है। 

आधार से जुड़े ऑथेंटिकेशन के लिए आधार अथॉरिटी ने फेस रिकग्निशन की प्रक्रिया को अभी कुछ समय के लिए डिले कर दिया है। ऐसा सामने आ रहा कि था कि इस सेवा को 1 जुलाई से लागू कर दिया गया है, हालाँकि अब इस प्रक्रिया को 1 अगस्त से शुरू की जाने की बात कही जा रही थी। आधार के CEO अजय भूषण ने PTI को इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि आधार बॉडी को इसके लिए अभी कुछ और समय की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा है कि, “हम इसपर काम कर रहे हैं। 1 अगस्त से हम ऐसा कर भी करेंगे। 

अभी कुछ महीनों पहले ही आधार बॉडी ने कहा था कि वह आधार वेरिफिकेशन मेथड में फेशियल रिकग्निशन को भी जोड़ने वाला है। हालाँकि पहले से ही IRIS और बायोमेट्रिक तकनीकी इसके लिए काम कर रही हैं, और इसके अलावा फेस रिकग्निशन को भी इसके साथ जोड़ा जाने वाला है। इसके आने से फिंगरप्रिंट के साथ कई बार आ रही समस्या को ख़त्म किया जा सकेगा। 

इसके अलावा ऐसा भी सामने आ रहा है और इनका कहना भी यही है कि इसपर जोरों से काम चल रहा है, और जल्द ही इसे यानी 1 अगस्त को इसे लागू कर दिया जाने वाला है। इस मोड को फ्यूज़न मोड का नाम दिया जा रहा है, इसका मतलब है कि इसका इस्तेमाल OTP, IRIS और फिंगरप्रिंट के स्थान पर किया जा सकता है। इसका मतलब है कि यह एक सुपोर्टिंग मेथड के तौर पर काम करने वाला है। असल में तो आपको इसके लिए पहले से मौजूद टर्म्स का ही इस्तेमाल करना होगा। 

1 अगस्त से इसे यूजर एजेंसी को दे दिया जाने वाला है। इसके अलावा हम इस बात भी ध्यान देंगे कि आखिर यह फील्ड में कैसे काम कर रहा है। इस इस प्रणाली को सही प्रकार से चलाने के लिए किसी अन्य चीज़ की भी जरूरत होती है, तो उसे आने वाले कुछ महीनों में इसके साथ जोड़ दिया जाने वाला है। 

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