Chughtai का जन्म 21 अगस्त 1915 को बदायूं, उत्तर प्रदेश में हुआ था और 1976 में उन्हें पद्माश्री से सम्मानित किया गया।
आज गूगल ने डूडल के ज़रिए बंटवारे के वक़्त की प्रसिद्ध लेखिका Ismat Chughtai को उनके 107वें जन्मदिवस पर सम्मानित किया है। Chughtai को सादत हसन मंटो जैसे अन्य प्रगतिशील लेखकों के साथ, सामाजिक-सांस्कृतिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ मानव संघर्ष की अंतर्निहित भावनात्मक सूक्ष्मताओं के चित्रण के लिए उन्हें याद किया जाता है।
Chughtai का जन्म 21 अगस्त 1915 को बदायूं, उत्तर प्रदेश में हुआ था और 1976 में उन्हें पद्माश्री से सम्मानित किया गया। Chughtai विभाजन के समय में साहित्यिक आंदोलन का हिस्सा रहे प्रोग्रेसिव राइटर एसोसिएशन के सबसे उल्लेखनीय लोगों में से एक थीं।
Chughtai की सबसे प्रसिद्ध लघु कहानी लिहाफ थी जिसे उनकी साहित्यिक कृति प्रतिनिधि का काम माना जाता है और इस कहानी में एक सामाजिक परिदृश्य के सामने महिला समलैंगिकता की संवेदनाओं को दर्शाया गया है। 1996 में आई दीपा मेहता की फिल्म, फायर में लिहाफ का सिनेमाई अनुकूलन दिखाया गया है। इस फिल्म में शबाना आज़मी और नंदिता दास मुख्य किरदार में हैं।