Assocham के नए आंकड़ों की माने तो, भारत में स्मार्टफोंस के दामों में गिरावट के साथ साथ सस्ता इंटरनेट होने के बावजूद भी 950 मिलियन लोगों को अभी तक इंटरनेट की सुविधा नहीं मिल पा रही है.
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सोमवार को एक शीर्षक के साथ किया गया शोध सामने आया है- ‘Strategic national measures to combat cybercrime.’ इसके अनुसार, “भारत में इंटरनेट पर निवेश को देखें तो वह भारत में बड़े पैमाने पर बढ़ा है, इसके साथ ही अफोर्डेबल ब्रॉडबैंड, स्मार्ट डिवाइस और महीने में डाटा पैकेज से डिजिटल लिटरेसी को बढ़ाया जा रहा है.”
जैसा कि हम जानते हैं कि NDA प्रधान हमारी ये सरकार देश में डिजिटल इंडिया नामक पहला के माध्यम से सभी को इंटरनेट से जोड़ने में लगी है. हालाँकि ये शोध दिखा रहा है कि वह अभी भी अपने इस लक्ष्य से काफी पीछे है. जो दुनिया की 50% औसतन आंकड़े में महज़ 2.3% ही है. यानी आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि अभी भी हम कितने पीछे हैं. हालाँकि ये कमी इसके बावजूद है जब हम इस ओर हर संभव प्रयास कर रहे हैं. तो अगर इस ओर इतनी कमी अभी भी नज़र आ रही है तो सरकार को इस ओर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है.
इसके अलावा अगर हम नोटबंदी को इस पहलू से जोड़कर देखें तो अगर हम देश को पूरी तरह से कैश लेस बनाने की ओर प्रयास कर रहे और भ्रष्टाचार को पूरी तरह से ख़त्म करने के पक्ष में हैं तो हमें भारत को एक डिजिटल रूप से संपन्न बनाना होगा. परन्तु इस तरह के आंकड़े देखकर हम अचरज में पड़ जाते हैं कि आखिर कहाँ कमी रह रही है. अगर हम कैश लेस भुगतान करने को देश का नया महत्त्वपूर्ण अंग बनाना चाहते हैं तो हमें इन 950 मिलियन लोगों को भी इंटरनेट से जोड़ना होगा.
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