भारत की सबसे बड़ी आईपी-ड्रिवन इनक्यूबेशन लैब्स में एक ब्रिजलैब्ज सॉल्यूशंस एलएलपी ने लॉकडाउन के दौरान 1500 से अधिक नए टेक ग्रेजुएट्स और कामकाजी पेशेवरों के बीच सर्वे किया। कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इंजीनियरों ने किन मुद्दों का सामना किया और किस तरह इससे उबर रहे हैं, यह सामने लाना इस ऑनलाइन सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य था।
सर्वेक्षण के अनुसार इसमें शामिल 71.95% उत्तरदाता नौकरी की तलाश में हैं और उनमें पुरुषों और महिलाओं का लगभग समान प्रतिनिधित्व है। जब आगे जांच की गई, तो देशभर में लॉकडाउन के बीच नौकरी खोजना नए इंजीनियरों और अनुभवी पेशेवरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना, जिसमें 76.89% उत्तरदाताओं को आर्थिक मंदी का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। यह सर्वे दर्शाता है कि 24.92% कार्यरत इंजीनियर जो अपनी नौकरी स्विच करने की योजना बना रहे थे, वर्तमान में फंस गए हैं क्योंकि महामारी ने देशभर के संगठनों में भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया है।
इसके अलावा सर्वेक्षण के जरिये उल्लेखनीय पैटर्न का पता चलता है। यह कहता है कि 15.53% इंजीनियरिंग ग्रेजुएट अपने मौजूदा स्किल सेट के साथ उद्योग में प्रासंगिक बने रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस प्रकार यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि हर समय विकसित होने वाले टेक्नोलॉजी स्पेस और गला-काट प्रतिस्पर्धवा वाले उद्योग में जीवित रहने के लिए स्किल को लगातार अपडेट करने की आवश्यकता है।
हालांकि, सर्वेक्षण के प्रमुख निष्कर्षों में से एक का कहना है कि समान प्रतिशत में पुरुषों और महिला इंजीनियरों ने स्वीकार किया कि आवश्यक और मौजूद स्किल सेल में अंतर है और लॉकडाउन की अवधि का लाभ उन्होंने इसी अंतर को खत्म करने और ज्ञान हासिल करने के लिए किया। कुल उत्तरदाताओं में से 84.48% इंजीनियरों और टेक ग्रेजुएट्स नौकरियों के लिए प्रासंगिक नई तकनीक सीख रहे हैं।
ब्रिजलैब्ज के संस्थापक श्री नारायण महादेवन ने सर्वेक्षण के बारे में कहा, “महामारी की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन का नौकरियों के क्षेत्र में स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। आज, नए टेक ग्रेजुएट और अनुभवी पेशेवर समान रूप से उद्योग में नए स्किल-सेट की मांग से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वर्तमान बाजार की स्थिति और निकट भविष्य में अपरिहार्य प्रतिस्पर्धा को देखते हुए अपने सीखने की अवस्था में सुधार के लिए प्रयास करना ही समझदारी होगी। हालांकि, यह देखना अच्छा है कि अधिकांश उम्मीदवार इस अवधि का उपयोग अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए कर रहे हैं और आने वाले प्रतियोगिता में सफल होने के लिए अपने पोर्टफोलियो को बढ़ा रहे हैं।”
हाल के सर्वेक्षण के निष्कर्षों ने अनुभव के जरिये सीखने और उद्योग-प्रासंगिक स्किल बढ़ाने के लक्ष्य के साथ काम कर रही संस्थाओं की जरूरत को फिर दोहराया है जो इंजीनियरिंग उम्मीदवारों की नौकरी की संभावनाओं को बेहतर बना सकती हैं। ब्रिजलैब्ज सॉल्युशंस एलएलपी का लक्ष्य टेक्नोलॉजी के उभरते क्षेत्र में इंजीनियरिंग प्रतिभा और विचारों को पोषित करना है और 2016 में अपनी स्थापना के बाद से फैलोशिप प्रोग्राम के माध्यम से पूरे भारत में 1100 से अधिक इंजीनियरों को प्रशिक्षित और नियोजित किया है। कंपनी अपने प्रयासों को विस्तार देने के लिए बूट कैंप का भी आयोजन करती है। भारत के इंजीनियरिंग टैलेंट पूल के स्किल को बढ़ाने और उन्हें उद्योग-योग्य बनाने की दिशा में सतत प्रयत्नशील है।