एंड्रायड डिवाइसों पर क्रोम का 64 फीसदी ट्रैफिक सुरक्षित : गूगल

Updated on 22-Oct-2017
By
HIGHLIGHTS

क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) और मैक दोनों पर क्रोम का 75 फीसदी ट्रैफिक अब सुरक्षित है, जो एक साल पहले मैक पर 60 फीसदी और क्रोम पर 67 फीसदी था.

गूगल के सुरक्षा बढ़ाने के प्रयासों के तहत 'क्रोम में एचटीटीपीएस' के साथ एनक्रिप्टेड नहीं होने वाले वेबसाइटों के लिए 'सुरक्षित नही'ं की चेतावनी जारी करने का नतीजा अब सामने आया है, क्योंकि एंड्रायड डिवाइसों पर क्रोम का 64 फीसदी ट्रैफिक अब सुरक्षित है, जोकि एक साल पहले 42 फीसदी था. 

हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर (एचटीटीपीएस) एचटीटीपी का सुरक्षित संस्करण है. यह एक प्रोटोकॉल है जिसके माध्यम से आपके ब्राउसर और जिस वेबसाइट से आप जुड़े हैं, उसके बीच डेटा का आदान-प्रदान होता है. 

क्रोम की सुरक्षा उत्पाद प्रबंधक एमिली शेटर ने शुक्रवार देर रात एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, "एक साल पहले, हमने घोषणा की थी कि वे सारी साइटें जो एचटीटीपीएस से एनक्रिप्टेड नहीं है, उन्हें हम क्रोम पर 'सुरक्षित नहीं' बताकर चिन्हित करेंगे."

शेटर ने कहा, "हम लोगों को यह समझने में मदद करना चाहते थे कि वे जिस वेबसाइट को खोल रहे हैं, वह सुरक्षित नहीं है. हम जानते थे कि इसमें वक्त लगेगा, और इसलिए हमने बिना एनक्रिप्शन वाले पेजों की केवल निशानदेही शुरू की, जो पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड की सूचनाएं संग्रहित करती थी."

क्रोम ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) और मैक दोनों पर क्रोम का 75 फीसदी ट्रैफिक अब सुरक्षित है, जो एक साल पहले मैक पर 60 फीसदी और क्रोम पर 67 फीसदी था. 

पोस्ट के मुताबिक, वेब पर मौजूद शीर्ष 100 वेबसाइटों में से अब 71 साइट्स बाई डिफाल्ट एचटीटीपीएस पर है, जिनकी संख्या एक साल पहले 37 थी. 

इस दौरान एचटीटीपीएस का प्रयोग वैश्विक स्तर पर बढ़ा है. हाल में जापान में इसका प्रयोग सबसे ज्यादा बढ़ा है, जहां की बड़ी वेबसाइटों जैसे राकुतेन, कूकपैड, अमेबलो और याहू सभी ने 2017 में एचटीटीपीएस को अपना लिया. 

जापान में एचटीटीपीएस का प्रयोग पिछले साल के 31 फीसदी से बढ़कर 55 फीसदी हो गया, जोकि विंडोज पर क्रोम के माध्यम से मापा गया. 

शेटर ने कहा, "हम अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह का रुझान देख रहे हैं. ब्राजील में एचटीटीपीएस का प्रयोग 50 फीसदी से बढ़कर 66 फीसदी हो गया, जबकि अमेरिका में 59 फीसदी से बढ़कर 73 फीसदी हो गया."

IANS

Indo-Asian News Service

Connect On :
By