महिला के साथ हुआ ऑनलाइन फ्रॉड, एक गलती और गँवाएँ 50,000, आप बचने के लिए कर लें ये काम
आज के डिजिटल दौर में कमजोर लोगों को निशाना बनाने वाले ठगी के मामलें तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में नोएडा की एक 60 वर्षीय महिला एक मनी ट्रांसफर स्कैम का शिकार हो गई, जिससे उन्हें लगभग 50,000 रुपये का नुकसान हुआ।
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता को एक व्यक्ति ने कॉल किया जो उनके पति का ग्राहक होने का दावा कर रहा था। पति के नाम की जानकारी होने के कारण उन्होंने कॉल करने वाले पर भरोसा कर लिया और पैसे ट्रांसफर कर दिए। जब तक उन्हें इस ठगी का एहसास हुआ, तब तक काफी देर हो चुकी थी—पैसे भेज दिए गए थे, और स्कैम करने वाले ने अपना फोन नंबर बंद कर दिया था।
क्या है मनी ट्रांसफर स्कैम ?
मनी ट्रांसफर स्कैम एक धोखाधड़ी है, जिसमें ठग, लोगों से पैसे ट्रांसफ़र करवाने के लिए उन्हें धोखे से फंसाते हैं। अक्सर इसके लिए सोशल इंजीनियरिंग दाव-पेंचों का उपयोग किया जाता है। स्कैमर्स फोन कॉल, मैसेज या ईमेल के माध्यम से संपर्क करते हैं और भरोसेमंद व्यक्ति बनकर पीड़ित का विश्वास जीतने की कोशिश करते हैं।
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ये स्कैम कैसे काम करते हैं:
इंपरसनेशन (Impersonation): स्कैमर्स अक्सर परिवार के सदस्य, बैंक के एजेंट या सरकारी अधिकारी बनकर भरोसेमंद व्यक्तियों का रूप धारण करते हैं।
अर्जेंसी टैक्टिक्स (Urgency tactics): वे एक नकली आपातकाल स्थिति बनाते हैं और यह सुझाव देते हैं कि पैसों के नुकसान या कानूनी समस्याओं से बचने के लिए तुरंत कार्रवाई आवश्यक है।
मैनिपुलेटिव टेक्नीक्स (Manipulative techniques): पीड़ितों को पैसे ट्रांसफर करने या संवेदनशील जानकारी देने के लिए इमोशनल ब्लैकमेल किया जाता है।
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ऐसे घोटालों से खुद को कैसे बचाएं?
स्वयं को शिक्षित करें: आम घोटालेबाजों और ठगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले तरीकों के बारे में जानकारी रखें।
जानकारी की जांच करें: किसी भी व्यक्ति द्वारा मांगी गई व्यक्तिगत या पैसों से जुड़ी जानकारी को देने से पहले उनकी पहचान की हमेशा जांच करें।
अर्जेंट रिक्वेस्ट से सावधान रहें: यदि आप पर जल्दी से कार्रवाई करने का दबाव डाला जा रहा है, तो एक कदम पीछे हटें और उस अनुरोध की स्वतंत्र रूप से जांच करें।
संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें: अनजान सेंडर के संदेशों में लिंक पर क्लिक करने से बचें।
मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें: अनोखे और मजबूत पासवर्ड बनाएं और अपने खातों पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन करें।