2022 के अंत तक 20-25 शहरों में शुरू हो जाएगा 5G, कीमत भी होगी 10 गुना कम, देखें डिटेल्स
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि 2022 के अंत तक 20 से 25 भारतीय शहरों को 5G कनेक्टिविटी मिल जाने वाली है।
18 जून को हुए एक मीडिया सम्मेलन में, केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि देश में 5G डेटा की कीमतें विश्व भर की औसत कीमत से कम होने वाली हैं।
एक अलग सरकारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि पहले चरण में 13 भारतीय शहरों को 5G कनेक्शन मिल सकता है।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्पष्ट किया है कि 2022 के अंत तक 20 से 25 भारतीय शहरों को 5G कनेक्टिविटी मिल जाने वाली है। 18 जून को हुए एक मीडिया सम्मेलन में, केंद्रीय मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि देश में 5G डेटा की कीमतें विश्व भर की औसत कीमत से कम होने वाली हैं। सरकार ने पहले कहा था कि देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई में शुरू होगी, जबकि पहले चरण की शुरुआत अगस्त-सितंबर में होने की उम्मीद है। एक अलग सरकारी विज्ञप्ति में दावा किया गया है कि पहले चरण में 13 भारतीय शहरों को 5G कनेक्शन मिल सकता है।
पीटीआई की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि केन्द्रीय मंत्री वैष्णव ने यह पाया है कि भारत की इंटरनेट डेटा दरें लगभग 2 डॉलर (लगभग 155 रुपये) हैं, जबकि वैश्विक औसत दर 25 डॉलर (लगभग 1,900 रुपये) है। इसका मतलब है कि भारत में 5G इंटरनेट जल्द ही मिलने के साथ ही बेहद ही सस्ते में भी मिलने वाला है।
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अश्विनी वैष्णव ने 5जी के आने और इसकी कीमत को लेकर कहा कि इस साल के आखिर तक 20-25 शहरों में 5जी सर्विस शुरू हो जाएगी. वहीं कीमत के मामले में हम दुनिया से 10 गुणा सस्ता इसे उपलब्ध कराएंगे@AshwiniVaishnaw | @RahulSinhaTV | @RailMinIndia | #WhatIndiaThinksToday | #TV9GlobalSummit pic.twitter.com/KJN17IReH6
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) June 18, 2022
इसी तरह का एक बयान एयरटेल के सीटीओ रणदीप सेखों ने इस साल की शुरुआत में दिया था जब इन्होंने दावा किया था कि भारत में 5G और 4G टैरिफ में "बड़ा अंतर" नहीं होगा। इंडिया टुडे टेक को दिए गए एक साक्षात्कार में, सेखों ने कहा, "हम स्पेक्ट्रम नीलामी के बाद ही अंतिम कीमत जान पाएंगे। यदि आप अन्य बाजारों को देखें, जहां ऑपरेटर पहले से ही 5G दे रहे हैं, तो हमने उन्हें इसके लिए 4G के मुकाबले प्रीमियम चार्ज करते नहीं देखा है।”
कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की औसत डेटा खपत प्रति माह 18GB है, जो वैश्विक औसत 11GB प्रति माह से काफी ज्यादा है। हालांकि, Ookla Speedtest Global Index में भारत अभी भी कई देशों से पीछे है। डेटा Global mobile speed performance index में भारत इस समय 125वें स्थान पर है, जबकि देश Global fixed broadband performance index में 79 वें स्थान पर है।
भारत में जल्द आएगा 5G
भारत को बहुत जल्द 5G सेवाएं मिलने वाली हैं। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आखिरकार दूरसंचार विभाग (DoT) की 5G स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दे दी है, जिसके माध्यम से बोली लगाने वालों को जनता के साथ-साथ उद्यमों को भी 5G सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम सौंपा जाएगा।
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Continuing the #TelecomReforms, development and setting up of Private Captive Networks will be enabled.#BharatKa5G pic.twitter.com/ALQV0SaZeA
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 15, 2022
जुलाई के अंत तक होगी 5G Spectrum की नीलामी
कैबिनेट ने दावा किया कि 5G नेटवर्क स्पीड और क्षमता प्रदान करेगा जो वर्तमान 4G सेवाओं की तुलना में लगभग 10 गुना फास्ट होगा। जुलाई के अंत तक 20 साल की वैधता के साथ 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की कुल नीलामी रखी जाएगी, इसी दौरान इस नीलामी को पूर्ण करने के लिए 5G नेटवर्क का आवंटन भी कर दिया जाने वाला है। यानि कुलमिलाकर ऐसा कहा जा सकता है कि जुलाई में इस काम को पूरा कर लिया जाने वाला है। दूरसंचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि "स्पेक्ट्रम नीलामी की घोषणा आज भारत का 5G पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने का एक अभिन्न अंग है।"
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किन किन फ़्रीक्वेंसी बैंड्स पर मिलेगा स्पेक्ट्रम
पीआईबी ने एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में विस्तार से बताया कि "नीलामी विभिन्न low (600 मेगाहर्ट्ज, 700 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2300 मेगाहर्ट्ज), मिड (3300 मेगाहर्ट्ज) और हाई (26GHz फ़्रीक्वेंसी बैंड) में स्पेक्ट्रम नीलामी आयोजित की जाएगी।"
The beginning of a new era for Indian Telecom.
5G spectrum auction announced. #BharatKa5G— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 15, 2022
कहा जाता है कि स्पेक्ट्रम नीलामी सितंबर 2021 में घोषित दूरसंचार क्षेत्र के सुधारों से लाभान्वित होगी। सुधारों में आगामी नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम पर शून्य स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) शामिल है, जो सेवा प्रदाताओं को परिचालन लागत के मामले में महत्वपूर्ण राहत प्रदान करता है।
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कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला
कैबिनेट ने यह भी कहा कि पहली बार "सफल बोलीदाताओं द्वारा अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है।" स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 समान वार्षिक किश्तों में किया जा सकता है जिसका भुगतान प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में अग्रिम रूप से किया जाना है। मोदी सरकार ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "बोली लगाने वालों को 10 साल बाद स्पेक्ट्रम सरेंडर करने का विकल्प दिया जाएगा, जिसमें शेष किश्तों के संबंध में कोई भविष्य की देनदारी नहीं होगी।"
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