ऑनलाइन खुदरा बाजार मंच (ई-कॉमर्स) के क्षेत्र में भारत सरकार ने एक बड़ा निर्णय किया है. दरअसल केंद्र सरकार ने ई-कॉमर्स के क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी है. ई-कॉमर्स में सशर्त विदेशी निवेश की अनुमति देने संबंधी निर्देश औद्योगिक नीति एवं संवर्धन के प्रेस नोट-3 के जरिए जारी किया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) के दिशानिर्देशों में बताया गया है कि माल रख कर ई-कॉमर्स के जरिए उसकी खुदरा बिक्री के मॉडल में FDI की अनुमति नहीं होगी. इसके साथ ही अब से ई-कॉमर्स कंपनी को अपने मार्केट प्लेस पर किसी एक वेंडर या अपने समूह की कंपनी को कुल बिक्री का 25 प्रतिशत से अधिक करने की अनुमति नहीं होगी. DIPP ने कहा कि नीति में स्पष्टता के लिए ई-कॉमर्स क्षेत्र में FDI पर दिशानिर्देश तैयार किए गए हैं.
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बता दें कि, अब इस निर्णय के बाद स्नैपडील, मिंत्रा, बिगबास्केट और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां अब विदेशी निवेश के लिए साझेदारी का रास्ता अपना सकती हैं. साथ ही बता दें कि केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद देश में और अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है.
गौरतलब हो कि, सरकार बिजनेस टू बिजनेस (B2B) ई-कॉमर्स में पहले ही 100 प्रतिशत FDI की अनुमति दे चुकी है. बता दें कि, विभिन्न ऑनलाइन रिटेल मॉडलों में FDI को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट दिशानिर्देश नहीं था. स्पष्टता लाने के लिए DIPP ने ई-कॉमर्स को इन्वेंटरी यानी माल का भंडार कर किया जाने वाला ऑनलाइन खुदरा कारोबार और खुदरा कारोबार के लिए ऑनलाइन बाजार का मंच चलाने का मॉडल के रूप में परिभाषित भी किया है.
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