नीरज पांडे की “Sikandar Ka Muqaddar” दो जिद्दी आदमियों के बीच की टक्कर है, जिनकी भूमिकाएं जिमी शेरगिल और अविनाश तिवारी द्वारा निभाई गई हैं। इन दोनों का ही मानना है और यह कहना है कि ये अपने आप में सही हैं। यह फिल्म अपने रिलीज से ही लगातार सुर्खियां बटोर रही है क्योंकि इसकी एंडिंग ने कई लोगों को हैरान कर दिया है।
यह हिन्दी फिल्म उन दोनों के नजरिए के बीच आगे-पीछे होती रहती है। इसकी कहानी 2009 से शुरू होती है जब हीरों की चोरी का मामला अनसुलझा रह जाता है। इसके 15 साल बाद कहानी में फिर से नया मोड़ आता है। लेखक-निर्देशक हमें इच्छाओं की ट्विस्ट भरी कहानी में भावनात्मक रूप से जोड़ने की कोशिश करते हैं, जिसमें लगभग ढाई घंटों की यह फिल्म अतीत को खींचकर सामने ले आती है।
यह कहानी अंत तक हैरान करती है और बार-बार भ्रम पैदा करती है, जिससे आप हर एक किरदार की चाल पर एक नया अनुमान लगाने पर मजबूर हो जाते हैं और आपके द्वारा सोची गई हर बात पर एक नया सवाल खड़ा होता है। यह एक क्लासिक थ्रिलर है, जिसमें सस्पेंस के एलिमेंट भी देखने को मिलते हैं क्योंकि पात्र बहुत ही शातिर दिमाग से रहस्यों को बनाकर रखते हैं।
यह क्राइम ड्रामा एक एग्ज़िबिशन में हीरों की चोरी से शुरू होता है, जिसके कारण जांच अधिकारी जसविंदर सिंह (शेरगिल) को इवेंट में तीन लोगों पर शक होता है। 15 साल बाद पुराने स्टार इनवेस्टिगेटर का जीवन खंडहर बन जाता है, लेकिन वह फिर भी इस बात पर अड़ा रहता है कि उसकी मूलवृत्ति (इंस्टिंक्ट) सही थी। सिकंदर शर्मा (अविनाश तिवारी), एक कंप्यूटर टेक्नीशियन, मुख्य संदिग्धों में से एक है जिसे जसविंदर ने बेहद परेशान किया है। यह फिल्म दर्शकों को लगातार यह दिखाने की कोशिश करती है कि इन दोनों में से पहले कौन टूटेगा।
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अंत के नजदीक जाते-जाते जसविंदर एक खुलासा करता है कि सिकंदर की बीवी, कामिनी (तमन्ना भाटिया), सिकंदर के हर कदम पर नजर रख रही है और उसकी सारी खबरें जसविंदर को देती है। हालांकि, वह खुद ऐसा नहीं करना चाहती थी। जैसा कि आपने देखा ही होगा, उसने हीरे चुराए थे, लेकिन काफी सस्ते वाले और जसविंदर को इसकी भयानक लग जाती है। फिर वह कामिनी को डराना-धमकाना शुरू कर देता है और उसे अपनी बात मनवाने पर मजबूर कर देता है।
आखिर में, सिकंदर जसविंदर को एक डील ऑफर करता है। फिर वह सीन कट जाता है और इससे पहले कि हमें पता चल सके कि वह डील क्या है और उस पर जसविंदर का रिएक्शन क्या है, फिल्म खत्म हो जाती है। लेकिन हम एक अंदाज़ा लगा सकते हैं।
संभावना है कि सिकंदर चोरी किए हीरों में से जसविंदर को शेयर ऑफर कर रहा है। उसके पास कुल 5 हीरे हैं, जिनमें से एक ही 15 साल पहले लगभग 50 करोड़ रुपए का था। लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि जसविंदर वह रिश्वत लेने से इनकार कर दे। एक समझदार इंसान ऐसा नहीं करेगा, लेकिन वह एक तरह का पागल है। ऐसे आदमी को कौन पागल नहीं कहेगा जो किसी दूसरे आदमी की जिंदगी सिर्फ इसलिए बर्बाद कर दे क्योंकि उसके मन में उसके अपराधी होने की मूलवृत्ति थी?
तो संभावित तौर पर सिकंदर जेल जा रहा है। वैसे तो यह अस्पष्ट अंत दर्शकों को संतुष्टि देने वाला नहीं रहा लेकिन दर्शक अंदाजे लगाकर अपनी खाली जगह को अपने हिसाब से भर सकते हैं।