वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म वीडियोमीट, जो आईटी आधारित फर्म डेटा इनजेनियस ग्लोबल लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है, ने हाल ही में 2 करोड़ रूपए के निवेश के साथ चार राज्यों में अपनी विस्तार की घोषणा की। कंपनी के मुताबिक इसके बढ़ते उपयोगकर्ता के लिए सुरक्षित वीडियो कॉलिंग सेवा प्रदान करने के लिए विस्तार की आवश्यकता है। जिसको लेकर अभी चार राज्य महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और गुजरात में विस्तार किये जाने की योजना है।
इसके लिए आईटी-संसाधनों जैसे हाई क्वालिटी वाले सर्वर को चार अलग-अलग राज्यों में स्थापित किये जाने की जरुरत है, ताकि किसी भी तकनीकी गड़बड़ के बिना बड़ी बैठक की मेजबानी की जा सके। डेटा इनजेनियस का उद्देश्य राजस्थान में स्थित अपने सर्वर पर बेहतर कनेक्टिविटी, डेटा सुरक्षा प्रदान करना और डेटा ओवरलोड को कम करना है। एप्लिकेशन उपयोगकर्ता बेस के लगातार बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है, और इसलिए किसी भी कीमत पर इसकी गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहेगा।
वर्तमान में वीडियो मीट एंड्रॉइड स्मार्टफोन पर डाउनलोडिंग उपयोगकर्ताओं की संख्या 50,000 है और यह आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा है। इसके अलावा प्लेटफॉर्म का मुख्य आकर्षण इसकी रिकॉर्डिंग, स्क्रीन शेयर, म्यूजिक शेयर, फ्लिप कैमरा, वीडियो कॉल के दौरान चैट आदि जैसी सुविधाओं का एक सेट है। यह एप्लीकेशन काम या किसी अन्य व्यक्तिगत और सामाजिक कारणों के लिए वर्चुअल मीटिंग और वेबिनार को आयोजित करने में पूरी तरह सक्षम है।
यह मेड इन इंडिया एप अपने डेटा कम्प्रेशन टेक्नोलॉजी के जरिये यूजर के डेटा की खपत पर भी नियंत्रण रखता है। यूजर की रूचि को शीर्ष प्राथमिकता दी गयी है और इसलिए यह सभी प्लेटफार्म एंड्राइड, वेब व आईओएस पर बिलकुल मुफ्त उपलब्ध है। वीडियोमीट मीटिंग या वेबिनार व कांफ्रेंस आयोजित करने के दो विकल्प देता है। अधिक सुरक्षा के दृष्टिकोण से वीडियोमीट में एक संवेदनशील मीटिंग का विकल्प है, जहाँ सभी पैनलिस्टों को मीटिंग में शामिल होने के लिए अलग अलग कोड व लिंक भेजा जाता है और यह एक बार के प्रयोग के लिए होता है। यह मीटिंग पूरी तरह सुरक्षित होती है और यूजर का किसी भी तरह का डाटा वेब आदि के माध्यम से स्टोर नहीं होता है। यूजर के सिस्टम द्वारा किसी मीटिंग में शामिल होने के लिए किसी सॉफ्टवेयर या एक्सटेंशन को इंस्टॉल करने की आवश्यकता नहीं है। किसी थर्ड पार्टी से यूजर का कोई भी डाटा साझा नहीं होता है।
वीडियोमीट में संस्थाओं के लिए व्हाइट लेबलिंग यानी अगर कोई कंपनी अपने ग्राहकों या फिर टीम के लिए खुद का मीटिंग प्लेटफार्म चाहती है तो यह वीडियोमीटिंग के माध्यम से संभव है। ग्राहकों के साथ वीडियो की सक्षमता बनाने के लिए कई अन्य एप्स में भी काम किया जा रहा है।
डेटा इनजेनियस ग्लोबल लिमिटेड के फाउंडर और सीईओ डॉ अजय डेटा ने रचनात्मक फीडबैक, वीडियोमेट टाई-अप, हायरिंग प्लान और मार्केटिंग रणनीतियों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा, "एप्लीकेशन के आगामी संस्करणों में स्वदेशी टच देने के लिए एकीकृत भाषाएं देखने को मिलेंगी। वीडियो मीट वर्तमान में हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है। वीडियो मीट में भारतीयों के हर डेमोग्राफी के लिए एक विकसित यूजर इंटरफेस मौजूद है। हम भुगतान के मॉडल को केवल तभी पेश करेंगे जब हमारी तरफ से अतिरिक्त निवेश किया जाता है और यह मॉडल मासिक भुगतान पर आधारित होगा जिसमें असीमित समय सीमा और कांफ्रेंस व वेबिनार आयोजित करने की आवृत्ति शामिल है। हमारा उद्देश्य उत्पाद के वितरण और सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करना है। हम किसी भी दूरसंचार नेटवर्क के साथ गठबंधन नहीं कर रहे हैं; इसलिए हमने एक प्रणाली की सुविधा दी है जो डेटा उपयोग को नियंत्रित करती है।
लोगों द्वारा मिलती प्रतिक्रिया के आधार पर, हमारी बैक-एंड टीम वीडियोमीट को भारतीय नागरिकों के लिए वन-स्टॉप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समाधान बनाने के लिए काम करती रहती है। हम सरकार के 'लोकल फॉर वोकल' के प्रयासों से खुश हैं, और हम इसके लिए महत्वपूर्ण योगदान देने में अपना सर्वश्रेष्ठ कदम उठाएंगे।"