मद्रास हाई कोर्ट ने केंद्र से लोकप्रिय एप्प TikTok को बंद करने की मांग की है और कहा जा रहा है कि यह चीनी एप्प पोर्नोग्राफी को बढ़ावा दे रहा है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने उसी पर एक याचिका पर सुनवाई की है जिसमें कहा गया है कि जो बच्चे ऐप का उपयोग कर रहे थे वे यौन शिकारियों की चपेट में हैं। न्यायधीश N Kirubakaran और SS Sundar ने मीडिया को भी एप्प पर बनाए गए विडियो का प्रसारण करने से रोका है।
न्यायालय ने कहा कि, “TikTok App पर पोस्ट होने वाले कॉन्टेंट में असभ्य भाषा और अश्लील कॉन्टेंट शामिल है। ऐसे में बच्चों के सीधे अजनबी लोगों से संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है जो इनके लिए नुकसानदेह है। इसके खतरे को बिना समझे हुए इस तरह के मोबाइल एप्प्स बच्चों के लिए सही नहीं है।”
यह याचिका मदुरै के एक वरिष्ठ वकील-सह-सामाजिक कार्यकर्ता मुथु कुमार द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने अदालत से अनुरोध किया था कि वह पोर्नोग्राफी, बाल शोषण और आत्महत्याओं का हवाला देते हुए टिकटोक पर रोक लगाए। TikTok के स्पोकपर्सन ने बताया कि कम्पनी स्थानीय क़ानून का पालन कर रही थी और कोर्ट के ऑर्डर की कॉपी का इंतज़ार कर रही थी, जिसके आधार पर सही क़दम उठाया जाएगा। एप्प पर सुरक्षित और सकारात्मक एनवायरनमेंट बनाए रखना हमारी मुख्य प्राथमिकता है।
इस सोशल एप्प पर यूज़र्स शोर्ट विडियो तैयार कर सकते हैं और इनमें फ़िल्टर और स्पेशल इफेक्ट्स भी डाल सकते हैं। भारत में TikTok के 54 मिलियन मंथली एक्टिव यूज़र्स हैं।
यह नॉन-गेम एप्प 2018 में एक बिलियन डाउनलोड मार्क पर चौथे नंबर पर पहुंचा था। TikTok बीजिंग स्थित कम्पनी ByteDance Co का अधिकृत एप्प है।
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