यदि आप किसी ऐसी स्मार्टफोन ऐप की तलाश में हैं, जो आपको तनाव, ऑफिस के मुद्दों, रिश्ते संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद कर सके और साथ ही आप अपनी सारी बातें जिसे खुलकर बताएं और जो बिना आलोचना किए आपकी बातें धैर्य से सुने और आपकी गोपनीयता भी सुरक्षित रखे, तो आपका इंतजार अब समाप्त हो गया है, क्योंकि नया इमोशनल वेलनेस ऐप 'जायगो' बाजार में लॉन्च हो गया है. 'जायगो' ऐप से संबद्ध स्टार्ट-अप ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि इस ऐप ने मानवीयता को तकनीक के साथ जोड़ा है और यह भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति की बात पूरे धैर्य से सुनता है. जो लोग जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं, वे केवल एक बटन के क्लिक पर गोपनीय रूप से 'जायगो' की टीम तक पहुंच सकते हैं. 'जायगो' की टीम जीवन में चुनौतियों का सामना करने वालों की बात पूरे ध्यान से सुनेगी.
'जायगो' ऐप व्हाट्सऐप की तरह काम करता है. यूजर भारत में कहीं से भी सीधे मनोवैज्ञानिकों के साथ गोपनीय तरीके से कॉल या चैट कर सकते हैं. यूजर इस ऐप को गूगल प्लेस्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. सभी उपयोगकर्ताओं को शुरुआत में यहां 30 मिनट का मुफ्त थेरेपी टाइम दिया गया है. इसके बाद, यूजर सर्विस के लिए भुगतान करेगा और ऐप के पेमेंट गेटवे के जरिए मिनट खरीदेगा. इस सर्विस की लागत 10 रुपये प्रति मिनट है.
'जायगो' ऐप के फाउंडर अरिंदम सेन ने बताया, "इस ऐप का पूरा जोर गोपनीयता को बरकरार रखते हुए मनोवैज्ञानिकों एवं काउंसलर्स से तत्काल संपर्क कराने पर है, जहां उपयोगकर्ता बिना आलोचना अपने भावनात्मक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों के साथ बातचीत कर सकते हैं, क्योंकि यही उनकी बड़ी चिंता है."
उन्होंने कहा कि एक बार ऐप डाउनलोड करने के बाद यूजर 300 रुपये प्रति सत्र की शुरुआती दर से शुल्क अदा कर सीधे हमारी टीम तक पहुंच सकते हैं. 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के कॉलेज के छात्र रियायती दरों पर हमसे जुड़ सकते हैं. हम व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों प्रकार की सदस्यता योजना पेश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यूजर अपनी सुविधानुसार भारत में कहीं से भी हमारे विशेषज्ञों की टीम से जुड़ सकते हैं. वह अच्छी मोबाइल और डेटा कनेक्टिविटी के साथ अपने घर से, किसी कैफे या टैक्सी में बैठकर या कहीं से भी संपर्क कर सकते हैं. यहां सलाह लेने से पहले अपॉइंटमेंट लेने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यहां पूरी कोशिश है कि जितनी जल्दी हो सके मदद उपलब्ध कराई जाए.