WhatsApp का पत्ता साफ करने आया JioSafe, जानें कैसे है सबसे सुरक्षित और कैसे करेगा काम
Jio ने JioSafe को पेश किया है, जो कंपनी के दावे के अनुसार एक अधिक सुरक्षित कम्यूनिकेशन ऐप है।
टेलिकॉम कंपनी ने एक इन्ट्रोडक्टरी ऑफर की घोषणा की है, जिसमें JioSafe को एक साल के लिए मुफ़्त कर दिया गया है।
JioSafe 5 स्तरों की सुरक्षा के साथ आने वाला एक कॉलिंग ऐप है और इसे "हैक-प्रूफ" भी बताया गया है।
Reliance Jio अपने यूजर्स के बीच ज्यादा वैल्यू बनाने के लिए अपने 4G और 5G नेटवर्क्स को लेकर ढेरों सेवाएं पेश कर रहा है। हाल ही में Jio ने JioSafe को पेश किया है, जो कंपनी के दावे के अनुसार एक अधिक सुरक्षित कम्यूनिकेशन ऐप है। आसान शब्दों में कहें तो JioSafe एक सुरक्षित वीडियो कॉलिंग ऐप है।
हालांकि, JioSafe एंड्रॉइड और iOS के लिए 199 रुपए के मासिक सब्स्क्रिप्शन के साथ आता है, लेकिन टेलिकॉम कंपनी ने एक इन्ट्रोडक्टरी ऑफर की घोषणा की है, जिसमें इसे एक साल के लिए मुफ़्त कर दिया गया है। JioSafe के साथ कंपनी सुरक्षित वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म्स के बीच अपने लिए एक जगह बनाने का प्रयास कर रही है। आइए JioSafe के बारे में सबकुछ विस्तार से जानते हैं।
5 स्तरीय सुरक्षा के साथ आता है JioSafe
कंपनी का दावा है कि JioSafe 5 स्तरों की सुरक्षा के साथ आने वाला एक कॉलिंग ऐप है और इसे “हैक-प्रूफ” भी बताया गया है। इसका इस्तेमाल अन्य JioSafe यूजर्स को टेक्स्ट करने और ऑडियो या वीडियो कॉल्स करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, दूसरे इंस्टेंट मेसेजिंग या कॉलिंग ऐप्स से अलग JioSafe का इस्तेमाल करने के लिए कुछ आवश्यक शर्तें हैं; वरना ऐप काम नहीं करेगा।
Experience ultra-secure communication with JioSafe. 🛡️
— Reliance Jio (@reliancejio) June 20, 2024
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सबसे पहले तो JioSafe एक 5G नेटवर्क से जुड़े जियो सिम कार्ड के साथ केवल 5G स्मार्टफोन पर काम करता है। अगर इनमें से एक भी पैरामीटर की कमी होगी, तो ऐप नहीं चलेगा। इसका मतलब है कि जो जियो यूजर्स अब भी 4G नेटवर्क पर हैं वे JioSafe पर साइन-अप नहीं कर सकेंगे।
इसका मतलब यह भी है कि JioSafe केवल भारत तक ही सीमित रहेगा और देश के बाहर कोई भी इस सेवा को एक्सेस नहीं कर सकेगा। अगले साल से यूजर्स को इस ऐप का इस्तेमाल करने के लिए मासिक शुल्क का भी भुगतान करना होगा।
केवल साइन-अप के दौरान ही नहीं, बल्कि हर बार जब भी आप JioSafe के जरिए किसी को मेसेज भेजना या कॉल करना चाहेंगे, तो फोन में 5G कनेक्टिविटी होनी चाहिए; अगर ऐसा नहीं होगा तो ऐप काम नहीं करेगा। यह व्यक्तिगत वीडियो कॉल्स और Secure Room कही जाने वाली ग्रुप वीडियो कॉल्स दोनों को सपोर्ट करता है, जिसमें एक बार में 5 यूजर्स तक को जोड़ा जा सकता है।
क्या JioSafe सच में सुरक्षित है?
जियो का दावा है कि यह सुरक्षित है क्योंकि यह Jio 5G के क्वांटम-सुरक्षित नेटवर्क का इस्तेमाल करता है जिसमें प्रवेश करना असंभव बताया जाता है। JioSafe ऐप के जरिए की गई हर कॉल इंक्रिप्टेड और ऑथेंटिकेटेड होगी, जो अनधिकृत पहुँच को असंभव बनाएगी।
एक 5G नेटवर्क अपने आप ही 4G/3G/2G नेटवर्क से ज्यादा सुरक्षित होता है। लो लेटेन्सी और हाई इंटरनेट स्पीड ऑफर करने के अलावा यह एक सुरक्षित आर्किटेक्चर पर बना है, खासकर जियो का 5G स्टैंडअलोन नेटवर्क जो डेडिकेटेड कोर नेटवर्क हार्डवेयर का इस्तेमाल करता है और 256-बिट नेटवर्क इंक्रिप्शन को सक्षम बनाता है। साथ ही यह Subscriber Concealed Identity (SCI) नाम की प्रोद्योगिकी का भी इस्तेमाल करता है, जो कभी भी यूजर की पहचान का खुलासा नहीं करेगी। इन लाभों के चलते वास्तव में JioSafe ज्यादा सुरक्षित प्लेटफॉर्म लगता है।
अगर आप JioSafe के जरिए एक यूजर को कॉल करते हैं, तब यह एक शील्ड आइकन का इस्तेमाल उन्हें भी सुरक्षित के रूप में मार्क करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि दोनों यूजर्स संभावित जोखिमों से सुरक्षित हैं। अगर किसी कॉन्टैक्ट पर शील्ड आइकन नहीं आता, तो वह सुरक्षित नहीं है।
यूजर्स को अन्य यूजर्स का विश्लेषण करने के लिए अपने फोन में सेव सभी कॉन्टैक्ट्स को JioSafe का एक्सेस देना होगा। यह ऐप यूजर्स को JioSafe पर साइन-अप करने के लिए दूसरों को इनवाइट करने के लिए गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड लिंक के साथ एक इनवाइट SMS भेजने की भी अनुमति देता है।
JioSafe, Signal से कैसे अलग है?
Signal सबसे लोकप्रिय सुरक्षित मेसेजिंग और कॉलिंग ऐप्स में से एक है। हालांकि, JioSafe से अलग Signal बिना किसी समस्या के किसी भी मोबाइल या Wi-Fi नेटवर्क पर काम कर सकता है। इसके अलावा Signal बिना किसी सब्स्क्रिप्शन के इस्तेमाल करने के लिए एक मुफ़्त ऐप है और इसे लगभग किसी भी स्मार्टफोन में इस्तेमाल किया जा सकता है। JioSafe का स्वामित्व जियो के पास है, जबकि Signal का स्वामित्व किसी एक इकाई या समूह के पास नहीं है।
JioSafe, WhatsApp से कैसे अलग है?
हालांकि, JioSafe में कुछ ऐसे फीचर्स हैं जो WhatsApp से मिलते-जुलते हैं, लेकिन मेटा का यह इंस्टेंट मेसेजिंग और कॉलिंग ऐप पूरी तरह से एक अलग प्लेटफॉर्म है और यह स्मार्टफोन्स और डेस्कटॉप्स दोनों के लिए उपलब्ध है।
जहां तक बात है सुरक्षा की, तो WhatsApp और Signal एंड-टू-एंड इंक्रिप्शन आधारित सेवाएं हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसा लगता है कि JioSafe अभी के लिए केवल इंक्रिप्टेड सेवाएं ऑफर कर रहा है।
क्या JioSafe बेहतर विकल्प है?
हालांकि, यह केवल जियो यूजर्स तक ही सीमित है लेकिन यह एक ब्रांड-न्यू प्लेटफॉर्म है और मुफ़्त में उपलब्ध है, यह देखते हुए यह एक दिलचस्प ऐप है जो गोपनीयता और सुरक्षा का वादा करता है। हालांकि, अभी JioSafe का इस्तेमाल करने वाले ज्यादा लोग नहीं हैं और इंडस्ट्री में पहले से ही ढेरों मेसेजिंग और कॉलिंग ऐप्स मौजूद हैं जो फ्री हैं और बहुत बड़े पैमाने पर डिवाइसेज और नेटवर्क्स पर आसानी से एकसे किए जा सकते हैं। अगर आप दूसरों से जुड़ने के लिए एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म की तलाश कर रहे हैं, तो JioSafe निश्चित तौर पर एक्सप्लोर करने लायक है।
Faiza Parveen
फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile