भारत में Twitter (X) को चुनौती देने वाला Koo Social Media Platform बंद, देखें कारण

Updated on 03-Jul-2024

ट्विटर को टक्कर देने वाला भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo बंद होने जा रहा है। संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने इस बात की जानकारी दी है। Koo के बंद होने के कारण के बारे में जानकारी देते हुए संस्थापकों ने कहा है कि, साझेदारी वार्ता विफल होने के साथ साथ हाई टेक्नॉलजी कोस्ट आदि के कारण भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को बंद किया जा रहा है।”

गौरतलब हो कि कंपनी ने अप्रैल 2023 में कर्मचारियों की एक बड़ी संख्या को नौकरी से निकालना शुरू कर दिया था। इसके बाद अब Koo को बंद करने का ही निर्णय ले लिया गया है। अब Twitter (X) को टक्कर देने वाला भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपको नजर नहीं आएगा।

यहाँ आपको जानकारी के लिए यह भी बता देते है कि Koo के लगभग 2.1 मिलियन डेली Active Users और 10 मिलियन से ज्यादा मासिक यूजर्स थे, इस आँकड़े में 9000 से अधिक VIP आदि भी शामिल थे।

Koo के बंद होने के पीछे के कारण

प्लेटफॉर्म की सफलता के बावजूद, वित्तीय चुनौतियों और लंबे समय तक फंडिंग की कमी ने इस प्लेटफॉर्म को बंद करने के निर्णय तक इसके संस्थापकों को पहुंचा ही दिया है। संस्थापकों ने अप्रत्याशित पूंजी बाजार और उच्च प्रौद्योगिकी लागत को प्रमुख मुद्दों के रूप में उजागर किया है।

शुरुआत से ही Twitter (X) का प्रतिद्वंदी माना जा रहा था Koo (कू सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म)

सभी जानते है कि Koo के लॉन्च के बाद से ही इसकी तुलना भारतीय Twitter के तौर पर Twitter (X) से की जाने लगी थी। हालांकि एलन मस्क द्वारा X माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट को संभालने के बाद से KOO ने बड़े पैमाने पर लोकप्रियता हासिल की थी।

Koo की ओर से सामने आए एक नोट में कहा गया है कि, “हमने एक्स/ट्विटर (X/Twitter) की तुलना में बहुत कम समय में वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर सफलता हासिल की थी, इसके अलावा Koo को एक स्केलेबल प्रोडक्ट भी बनाया था, जिसमें बेहतर सिस्टम, एल्गोरिदम और मजबूत स्टेकहोल्डर-फर्स्ट फिलोसफ़ी देखने को मिलती है।”

Koo के संस्थापकों की ओर से सामने आए एक विदाई संदेश में, उन्होंने से समर्थकों, टीम, निवेशकों, रचनाकारों और उपयोगकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। यह देखने को मिल रहा है कि यह लोग भविष्य के उपक्रमों के बारे में आशावादी भी हैं। Koo के बंद होने के बावजूद, संस्थापक भविष्य में एक इन्क्लूसिव प्लेटफ़ॉर्म की उम्मीद कर रहे हैं।

10 से ज्यादा भाषाओं में उपलब्ध था Koo App

अश्वनी कुमार

अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी में पिछले 7 सालों से काम कर रहे हैं! वर्तमान में अश्वनी कुमार डिजिट हिन्दी के साथ सहायक-संपादक के तौर पर काम कर रहे हैं।

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