Update: भारत में अभी हाल ही में 59 चीनी एप्स पर बैन लगाने के बाद अब नए 47 अन्य चीनी एप्स पर भी बैन लगा दिया है। हालाँकि आपको बता देते हैं कि यह 47 चीनी एप्स पहले ही भारत में बैन किये जा चुके 59 चीनी एप्स के ही क्लोन थे, जिन्हें इस बार बैन किया गया है। अगली लिस्ट में PUBG Mobile भी बैन हो सकता है?
भारत ने 47 ओर चीनी एप्स पर बैन लगा दिया है। हालाँकि यह एप्प मुख्य तौर पर चीन से नहीं थे, लेकिन कहीं न कहीं इनका लिंक चीन से था। यह एप्स उन्हीं कंपनियों के हैं जिनपर अभी पिछले महीने ही भारत में बैन लगा दिया गया था। इन एप्स में TikTok को सबसे बड़ा एप्प कहा जा रहा था। आप इन सभी एप्स की लिस्ट को यहाँ देख सकते हैं।
आपको बता देते हैं कि इन 47 क्लोन एप्स में TikTok Lite, Helo Lite, Shareit Lite, Bigo Live Lite, और YFV Lite जैसे एप्स शामिल हैं, हालाँकि इनकी पूरी सूची के बारे में अभी जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन जल्द ही यह सामने आने वाली है। यह जानकारी ANI की ओर से सामने आ रही है। आपको यह भी बता देते है कि PTI के माध्यम से यह भी सामने आया है कि इस ऑर्डर को शुक्रवार को ही जारी कर दिया गया था।
आपको बता देते हैं कि इकोनॉमिक्स टाइम्स की एक रिपोर्ट कहती है कि 275 चीनी एप्स को राडार पर रखा गया है। इस लिस्ट में PUBG गेम भी शामिल है। इसके अलावा रिपोर्ट में ऐसा भी कहा गया है कि Xiaomi का Zili, AliExpress और ByteDance का Resso App भी शामिल है।
https://twitter.com/ANI/status/1287672119074013190?ref_src=twsrc%5Etfw
भारत चीन विवाद के बाद आज भारत सरकार (India Ban China Apps) की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है, आपको बता देते हैं कि देश में चीनी एप्प TikTok पर बैन (TikTok Ban) लगा दिया गया है, इसका मतलब है कि देश में अब चीनी एप्स को आप नहीं चला सकेंगे। आपको यह भी बता देते हैं कि देश की जनता भी इस फैसले के लिए काफी समय से मांग कर रही थी। अब जाकर आज केंद्र सरकार यानी Modi सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, आपको बता देते हैं कि देश में टिकटोक के साथ साथ UC Browser और जाने माने कई चीनी एप्स (Chinese Apps) के साथ साथ 59 अन्य चीनी एप्स (Chinese Mobile Apps) को भी बैन कर दिया गया है।
आपको बता देते है कि कुछ समय पहले ही भारतीय सुरक्षा एजेंसियों से कुछ चीनी यानी चाइनीज एप्स की एक लिस्ट तैयार करने के बाद उसे मोदी सरकार को सौंपा था और अपील की थी कि इन चीनी एप्स को देश में बैन किया जाना चाहिए, हालाँकि इसके अलावा यह भी कहा गया था कि लोगों को अपने मोबाइल फोंस से इन एप्स को तुरंत ही हटा देना चाहिए, असल में आपको बता देते हैं कि इन एप्स की मदद से चीन के पास भारत का जरुरी डाटा पहुंच रहा था। इसके पीछे के बड़े कारण पर नजर डालें तो यह कहा गया था कि इन एप्स के माध्यम से चीन भारतीय डेटा हैक कर सकता है।
आपको बता देते है कि इस लिस्ट में TikTok के साथ अन्य कई चीनी एप्स को रखा गया है। इस लिस्ट में अन्य एप्स की बात करें तो इसमें Shareit, Kwai, UC Browser, Baidu map, Shein, Clash of Kings, DU battery saver, Helo, Likee, YouCam makeup, Mi Community, CM Browers, Virus Cleaner, APUS Browser, ROMWE, Club Factory, Newsdog, Beutry Plus, WeChat, UC News, QQ Mail, Weibo, Xender, QQ Music, QQ Newsfeed, Bigo Live, SelfieCity, Mail Master, Parallel Space, Mi Video Call — Xiaomi, WeSync, ES File Explorer, Viva Video — QU Video Inc, Meitu, Vigo Video, New Video Status, DU Recorder, Vault- Hide, Cache Cleaner DU App studio, DU Cleaner, DU Browser, Hago Play With New Friends, Cam Scanner, Clean Master — Cheetah Mobile, Wonder Camera, Photo Wonder, QQ Player, We Meet, Sweet Selfie, Baidu Translate, Vmate, QQ International, QQ Security Center, QQ Launcher, U Video, V fly Status Video, Mobile Legends, और DU Privacy। हालाँकि अब देखना होगा कि आखिर क्या सरकार आने वाले समय में देश में चीनी प्रोडक्ट्स पर भी रोक लगाती है, इन प्रोडक्ट्स में सबसे ज्यादा मार्किट शेयर अपने नाम किये गए मोबाइल ब्रांड्स हैं। हालाँकि इस बारे में अभी कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन आने वाले समय में आखिर सरकार क्या फैसला लेती है यह देखना दिलचस्प होने वाला है।
आपको बता देते है कि सरकार ने देश में 59 चीनी एप्स को 29 जून को भारत में बैन किया था, इन एप्स को बैन करने के पीछे के कारण को भारत की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए ख़तरा बताया गया था। आपको बता देते है कि बीते मंगलवार को सूचना और प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने इन सभी कंपनियों को एक लेटर लिखकर इस बारे में चेताया है, इस चिठ्ठी में यह भी कहा गया है कि अगर किसी भी रूप में अगर डायरेक्टली या इनडायरेक्टली इन एप्स का परिचालन जारी रहता है, तो इसे अवैध माना जाएगा। इसके अलावा अगर ऐसा पाया जाता है तो इसे एक दंडनीय अपराध मानकर कार्रवाई भी की जा सकती है।
एक सरकारी स्रोत ने पीटीआई को बताया कि आईटी मंत्रालय ने अब इन सभी कंपनियों को पत्र लिखा है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन प्रतिबंधित ऐप की उपलब्धता और संचालन अगर जारी रहता है तो यह न केवल अवैध है, बल्कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अन्य लागू अधिनियमों के तहत अपराध भी है। यह दंडात्मक प्रावधानों के तहत अपराध की श्रेणी में आने वाला है।
इसके अलावा सूत्र ने कहा कि इन सभी कंपनियों को मंत्रालय के आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित भी किया गया है। इन कंपनियों को भेजे गए पत्र में मंत्रालय ने उल्लेख किया है कि यह प्रतिबंध संप्रभु शक्तियों और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत आता है, इस पत्र में यह भी कहा गया है कंपनियों को इस संबंध में जारी आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए।