Gmail पर इन अकाउंट्स को बंद करने वाला है Google! कहीं आप तो लिस्ट में नहीं, अभी चेक करें

Gmail पर इन अकाउंट्स को बंद करने वाला है Google! कहीं आप तो लिस्ट में नहीं, अभी चेक करें
HIGHLIGHTS

दो साल तक इनैक्टिव होने पर गूगल आपके अकाउंट को डिलीट कर देगा

इसके बाद यूजर्स कई सारे फीचर्स और ऐप्स को एक्सेस नहीं कर सकेंगे

गूगल इनैक्टिव अकाउंट्स को दिसंबर से पहले डिलीट करना शुरू नहीं करेगा

अगर आपने लंबे समय से अपना गूगल अकाउंट लॉग इन नहीं किया है, तो आपको उसे लॉग इन करना चाहिए और हर दो महीनों में चेक करना चाहिए। गूगल ने अपनी इनैक्टिव अकाउंट पॉलिसीज़ को अपडेट किया है और अब कंपनी उन अकाउंट्स को डिलीट कर देगी जो पिछले दो साल से एक्टिव न हों। 

पिछली पॉलिसी में गूगल ने कहा था कि यह इनैक्टिव अकाउंट के डेटा को रिमूव कर देगा, लेकिन अब गूगल का कहना है कि उन अकाउंट्स को पूरी तरह हटा दिया जाएगा। आइए देखें क्या है पूरा मैटर…

क्या होगा इनैक्टिव Google accounts के साथ?

टेक जायंट के मुताबिक, अगर कोई गूगल अकाउंट दो साल से इस्तेमाल या साइन-इन नहीं हुआ है तो यह उसे और उसकी सभी डिटेल्स को डिलीट कर देगा। इसके बाद यूजर्स कई सारे फीचर्स और ऐप्स जैसे ईमेल एड्रेस, जीमेल मेसेजिस, ड्राइव, डॉक्स, कैलेंडर इवेंट्स, वर्कस्पेस फाइल्स या गूगल फ़ोटोज़ को एक्सेस नहीं कर सकेंगे। बता दें कि यह पॉलिसी केवल पर्सनल अकाउंट्स पर लागू होती है। 

Gmail

गूगल ने कहा है कि इस काम को धीरे-धीरे और ध्यान से किया जाएगा और यूजर्स को पहले कई नोटिस भी दिए जाएंगे: 

  • भले ही यह पॉलिसी शुरू हो चुकी है लेकिन अभी इससे इनैक्टिव अकाउंट्स पर कोई प्रभाव नहीं होगा। 
  • गूगल दिसंबर 2023 तक इनैक्टिव अकाउंट्स को डिलीट करना शुरू नहीं करेगा। 
  • गूगल स्टेप-बाय-स्टेप मेथड का इस्तेमाल करेगा जिसकी शुरुआत उन अकाउंट्स से होगी जो बनाए तो गए लेकिन दोबारा कभी उपयोग नहीं हुए। 
  • अकाउंट डिलीट करने से कुछ महीने पहले गूगल ईमेल एड्रेस और रेस्क्यू ईमेल दोनों पर कई सारे ईमेल भेजेगा। 

इनैक्टिव अकाउंट को Google क्यों करेगा डिलीट?

Google

अगर किसी अकाउंट में कई सिक्योरिटी मेजर्स हैं, तब भी लंबे समय तक उपयोग न होने पर उसके हैक होने की काफी संभावना है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अक्सर खोए हुए या इस्तेमाल न किए गए अकाउंट्स पुराने या दोबारा उपयोग किए गए पासवर्ड्स का उपयोग कर लेते हैं जो टूट गए हों, टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन न लगाया हो या यूजर द्वारा अधिक सिक्योरिटी चेक न किया गया हो। 

कंपनी के मुताबिक एनालिसिज़ दिखाता है कि एक्टिव अकाउंट्स की तुलना में इनैक्टिव अकाउंट्स पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन कम होते हैं। इसका मतलब है कि ये अकाउंट्स अक्सर हैक करने के लिए खोले जाते हैं।

Faiza Parveen

Faiza Parveen

फाईज़ा परवीन डिजिट हिंदी में एक कॉन्टेन्ट राइटर हैं। वह 2023 से डिजिट में काम कर रही हैं और इससे पहले वह 6 महीने डिजिट में फ्रीलांसर जर्नलिस्ट के तौर पर भी काम कर चुकी हैं। वह दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर की पढ़ाई कर रही हैं, और उनके पसंदीदा तकनीकी विषयों में स्मार्टफोन, टेलिकॉम और मोबाइल ऐप शामिल हैं। उन्हें हमारे हिंदी पाठकों को वेब पर किसी डिवाइस या सेवा का उपयोग करने का तरीका सीखने में मदद करने के लिए लेख लिखने में आनंद आता है। सोशल मीडिया की दीवानी फाईज़ा को अक्सर अपने छोटे वीडियो की लत के कारण स्क्रॉलिंग करते हुए देखा जाता है। वह थ्रिलर फ्लिक्स देखना भी काफी पसंद करती हैं। View Full Profile

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