आने वाले कुछ महीनों में भारत में लयकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सोशल प्लेटफार्म फेसबुक ने कहा है कि चुनाव के दौरान विदेशी हस्तक्षेप को रोकने के लिए और अपने प्लेटफार्म पर यूज़र्स के लिए राजनीतिक खबरों और विज्ञापन से जुड़े मुद्दों में पारदर्शिता लाने के लिए वह आगे बढ़ेगा। पारदर्शी बनाने के लिए वह अगले महीने भारत में चुनावी विज्ञापनों के लिए ट्रांसपेरेंसी टूल लांच करने वाला है।
Quartz की हाल ही में मिली एक रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म भारतीय चुनाव (लोकसभा चुनाव) के दौरान खतरों और गलत खबरों की निगरानी अपने सिंगापुर परिचालन केंद्र से करेगा। Facebook India के एक सीनियर कर्मचारी का कहना है कि सिंगापुर कार्यालय भारतीय चुनावों के लिए खतरों का प्रबंधन करने वाली टीम का केंद्र होगा।
इसके साथ ही आपको बता दें कि एक ब्लॉग पोस्ट में फेसबुक ने कहा कि विज्ञापनदाताओं को राजनीतिक विज्ञापनों को खरीदने के लिए अधिकृत होने की जरूरत होगी। इसके लिए फेसबुक राजनीतिक और संबंधित विज्ञापनों के बारे में लोगों को ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी उपलब्ध कराएगा। Facebook ने यह भी कहा है कि वह चुनाव में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से थर्ड पार्टी फैक्ट चेकिंग प्रोग्राम को भी जारी रखेगा। आपको बता दें कि यह प्रोग्राम 16 भाषाओँ को सपोर्ट करता है।
फेसबुक के Civic Engagement के Director of Product Management Samidh Chakrabarti ने ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि वे 7 साल के लिए विज्ञापनों की एक सार्वजनिक लाइब्रेरी तैयार करेंगे। इस लाइब्रेरी में विज्ञापनों के बजट की रेंज, कितने लोगों ने उस तक पहुंच बनाई और कितने लोगों ने उसे देखा, उनकी उम्र, लिंग और स्थान के बारे में जानकारी शामिल की जाएगी।
फेसबुक ने कहा कि वह दो नए regional operations centres का सेट-अप लाने की तैयारी के बारे में सोच रहा है जो उसके Dublin और Singapore कार्यालयों में स्थित होंगे। कंपनी का कहना है कि इससे उसकी टीम सभी क्षेत्र में होने वाले चुनाव पर बेहतर तरीके से काम कर पाएंगी।
Facebook ने पिछले महीने कहा था कि वह भारत में अपने राजनीतिक विज्ञापनों के एड्स पर disclaimer दिखाएगी जिससे यह बेहतर पता चल पायेगा कि कौन विज्ञापन दे रहा है और उससे जुड़ी ज़्यादा जानकारी भी निकाली जा सकती है। साथ ही Ad Library भी निकली जाएगी जिसपर सभी एक्सेस कर सकते हैं और जो कि ऑनलाइन सर्च की जा सकेगी।