डाटा लीक विवाद के बाद फेसबुक प्राइवेसी सेटिंग में संशोधन

Updated on 29-Mar-2018
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इस मामले में फेसबुक ने कहा कि संशोधन पर स्कैंडल से पहले ही काम चल रहा था।

फेसबुक ने बुधवार को अपने प्राइवेट टूल्स की पूरी तरह से निरीक्षण की घोषणा की है, इससे यूजर्स के लिये कंपनी के पास मौजूद निजी जानकारी को खोजना और एडिट करना आसान होगा।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही हुए फेसबुक डाटा लीक विवाद ( करीब 5 करोड़ यूजर्स की निजी जानकारी राजनीतिक विश्लेषक कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका के पास पहुंचने का मामला) के बाद हुई भारी आलोचना के बाद ये कदम उठाया गया।  

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कैम्ब्रिज एनालिटिका लंदन आधारित एक राजनीतिक रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन है, जिसने साल 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के इलेक्शन कैंपेन में उनका सहयोग किया। इसने अमेरिकी मतदाताओं के फैसले की भविष्यवाणी करने और उन्हें प्रभावित करने के लिए कंप्यूटर प्रोग्राम विकसित करने के लिए लीक हुई इंफॉर्मेशन का इस्तेमाल किया।

हालांकि, फेसबुक ने कहा कि नए यूरोपीय संघ के नियमों का अनुपालन करने के लिए संशोधन पर स्कैंडल से पहले ही काम चल रहा था। ये बदलाव 3 कैटेगरी में हैं और एक ब्लॉग में इनकी घोषणा की गई। वर्तमान में, मोबाइल यूजर्स लगभग 17 विभिन्न विकल्पों की सूची देखते हैं, जिनमें से प्रत्येक को एक संक्षिप्त शीर्षक से चिह्नित किया जाता है।

हालांकि, नया वर्जन नियंत्रण को फिर से नियंत्रित करता है और इसे आसान बनाने के लिए विवरण (डिस्क्रिप्शन) जोड़ता है। अब, एक नया प्राइवेसी शॉर्टकट मेन्यू है। डैशबोर्ड अहम कंट्रोल्स को एक सिंगल पेज पर ले आता है। जिससे लोग कुछ चीजें तेज़ी से कर सकेंगे। पोस्ट रिव्यू, पोस्ट पर रिएक्शन और इंफॉर्मेशन को लिमिट करने जैसी चीजें करने में लोगों को कम वक्त लगेगा।

इसके अलावा, ये नया पेज जिसे ‘एक्सेस योर इंफॉर्मेशन’ कहते हैं , उपयोगकर्ताओं को साइट के साथ पिछले इंट्रैक्शन(पहले हुई बातचीत) की समीक्षा करने देता है, जिसमें पोस्ट पर लाइक और कमेंट की समीक्षा भी शामिल है, साथ ही आपके पास इसे डिलीट करने का ऑप्शन भी मौजूद है।

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25 मई 2018 से यूरोपीय संघ के जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेग्यूलेशन को लागू किया जाएगा। नया कानून इस मामले में और कठोर होगा कि एक ऑर्गेनाइजेशन जनता के डाटा को कैसे संभालता है, साथ ही उल्लघंन होने पर कठोर दंड का प्रावधान भी होगा।

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