भारत में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखते हुए फेसबुक ने चुनावी विज्ञापनों में पारदर्शिता लाने के लिए हाल ही में एक टूल लॉन्च किया है। इस टूल की मदद से अब यूज़र्स को चुनावी विज्ञापन के पीछे की हर एक डिटेल मिलेगी। टूल के यूजर को विशेष राजनीतिक विज्ञापन डालने वाले व्यक्ति और इस पर खर्च की गई रकम की जानकारी उपलब्ध होगी। फेसबुक के मुताबिक इस टूल से राजनीतिक विज्ञापनों को "Published by" और "Paid for by" जैसे डिस्क्लेमर्स के साथ देखा जा सकता है।
डिस्क्लेमर के लिए अधिकृत विज्ञापनदाता विज्ञापन (ऐड) के लिए अपना नाम, उनके द्वारा संचालित पेज या बाकी संस्था का नाम दे सकते हैं। इसके साथ ही Facebook India के Public Policy Director Shivnath Thukral का कहना है कि अगर विज्ञापनदाता किसी दूसरी संस्था का नाम लेते हैं तो फेसबुक उनसे फोन नंबर, ईमेल और वेबसाइट या भारत के चुनाव आयोग द्वारा दिए गए Media Certification और Monitoring Committee Certificate जैसी जानकारी अलग से मांग सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यह संगठन की प्रमाणिकता जांचने के लिए किया गया है।
इससे पहले भी Facebook ने अपने इस प्लान की घोषणा पिछले साल दिसंबर में की थी। उस समय विज्ञापनदाता राजनीतिक विज्ञापन चलाने के लिए अपनी पहचान और लोकेशन की पुष्टि मोबाइल पर कर पाते थे। फेसबुक ने कहा कि ये नए फीचर्स 21 फरवरी से लागू होंगे। वहीँ अभी भी ये प्रोसेस विज्ञापनदाताओं के लिए स्वैच्छिक हैं।
जब कोई व्यक्ति डिस्क्लेमर पर क्लिक करता है तो वे सर्च की जाने वाली Ad Library में पहुंच जाते हैं जहां वो विज्ञापन निर्माण, शुरुआत और खत्म होने की तारीख और परफॉरमेंस डाटा देख सकते हैं। इसमें इंप्रेशंस, स्पेंड की रेंज और विज्ञापन देखने वालों की जानकारी भी देखि जा सकती है। फेसबुक ने कहा कि disclaimer credentials में भी विज्ञापन लाइब्रेरी को यूज़र्स आसानी से देख सकते हैं।