भारतीय साइबर एजेंसी CERT-IN द्वारा एक एंड्रॉइड वायरस "Daam" के बारे में चेतावनी दी गई है। यह मैलवेयर आपके डिवाइस का डेटा पूरी तरह से चुरा सकता है। यह पर्सनल जानकारी को इकट्ठा करता है और यहाँ तक कि ऐंटीवायरस सॉफ्टवेयर में भी बाधा आती है। आइए देखते हैं कि Daam एंड्रॉइड डिवाइसेज के लिए कैसे नुकसानदायक है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
जैसा कि पहले ही बताया गया है यह मैलवेयर आपके सारे पर्सनल डेटा को इकट्ठा कर लेता है। इसलिए जैसे ही यह डिवाइस में आता है तो यह आपके कॉन्टैक्ट्स, गैलरी, मेसेजिस और सभी ऐप्स खासकर UPI ऐप्स और कोई भी फ़ाइल जो डिवाइस में स्टोर्ड है उसे एक्सेस कर सकता है।
Daam किसी भी डिवाइस में उन थर्ड पार्टी ऐप्स के जरिए जाता है जो जाने-माने सूत्रों या प्ले स्टोर से इंस्टॉल न किए गए हों। इसलिए जैसे ही डेटा को इकट्ठा कर लिया जाता है तो यह अटैकर से कम्यूनिकेट करता है और डिवाइस इंक्रिप्ट हो जाता है और फिर यूजर धीरे-धीरे इसका कंट्रोल खोने लगता है।
CERT-IN ने आपके डिवाइस को इस मैलवेयर से बचाने के लिए कुछ उपाय बताए हैं। आइए उन पर एक नजर डालते हैं।
1. हमेशा वैध ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें जैसे एंड्रॉइड डिवाइसेज में आप प्ले स्टोर से कर सकते हैं।
2. किसी भी ऐप को इंस्टॉल करने से पहले उसके स्पेसिफिकेशन्स, यूजर रिव्यूज और हर वह डिटेल देखें जो मैलवेयर से बचाव के लिए जरूरी है।
3. किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
4. अपने फोन में ऐंटी-स्पायवेयर और ऐंटी-वायरस सॉफ्टवेयर्स को अपडेट रखें।
5. सेफ ब्रॉउज़िंग टूल्स और फ़िल्टरिंग सर्विसेज का इस्तेमाल करें। इसके अलावा ऐंटीवायरस कॉन्टेन्ट-आधारित स्क्रीनिंग सॉल्यूशंस का इस्तेमाल करके लगातार चेक करते रहें।
6. URL अब छोटे हो जाते हैं इसलिए उस पर क्लिक करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह जान लें।
7. कोई भी सेंसिटिव या पर्सनल जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स या कोई भी अकाउंट लॉग-इन डिटेल्स किसी के साथ तब तक साझा न करें जब तक आप निश्चित न हों कि वह सही है।
अगर आप अपने बैंक अकाउंट में कोई भी बदलाव देखते हैं तो जल्द से जल्द ऑर्गनाइज़ेशन जाएं ताकि इस पर जल्दी ही आवश्यक कदम उठाया जा सके।