सावधान! एंड्राइड यूजर्स का फ़ोन हो सकता है हैक…
एंड्राइड में लगी सेंध आपकी सुरक्षा और गुप्त जानकारियों को हो सकता है बड़ा ख़तरा, सिक्यूरिटी फर्म ज़िम्पेरियम ने किया है बड़ा खुलासा.
आज एंड्राइड यूजर्स के सामने एक बड़ी मुश्किल आकर खड़ी हो गई है. शायद ऐसा भी कहा जा सकता है कि बिना किसी नोटिस आपको सुरक्षा में सेंध लगाईं जा सकती है. हाल ही में सिक्यूरिटी फर्म ज़िम्पेरियम ने कहा है कि आपके फ़ोन में मैसेज के जरिये एक टेक्स्ट कंटेंट भेजा जा सकता है को आसानी से आपकी सभी गुप्त जानकारियाँ जैसे आपके बैंक खाते संख्या, एटीएम पिन आदि को चुरा सकता है. सिक्यूरिटी फर्म के अधिकारी का कहना है कि इसके लिए हैकर को केवल आपके फ़ोन नंबर की आवश्कता है उसके अलावा कुछ नहीं. अगर आपका नंबर उसके पास तो आप भी उसका शिकार हो सकते हैं, और कहा जा सकता है कि लगभग 950 मिलियन एंड्राइड फोंस और टेबलेट आज खतरे में हैं. साथ ही उन्हें इस्तेमाल करने वाले उससे ज्यादा बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं.
सिक्योरिटी फर्म के आफिशियल ब्लॉगस्पॉट के अनुसार, ‘हैकर्स को महज़ आपके फ़ोन नंबर की जरुरत हैं जिसके बाद आपके फ़ोन पर वह एक मैसेज भेजेंगे और जैसे ही आप उसे फॉलो करते हैं आपकी ज़िन्दगी कुछ से कुछ हो सकती है. इसलिए सावधानी बरतनी बहुत जरुरी है. बता दें इस मैसेज में जो कंटेंट भेजा जाएगा वह एक मीडिया फाइल हैं जिसमे विशेष रूप से तैयार किया गया एक कोड है. यह वायरस काफी प्रभावी है जो आपको बिना किसी नोटिफिकेशन के आपके सभी मैसेजेस डिलीट कर देगा, लेकिन एक बढ़िया बात यह है कि आपको नोटिफिकेशन खाली मिलेगा जिसके माध्यम से आप जान सकेंगे के आपका फ़ोन हैक हो गया है औए आप समय रहते कुछ बचाव कर सकते हैं.
एंड्राइड में सेंध लगाने वाले “स्टेजफ्राईट” नामक कोड से आजकल एंड्राइड बहुत परेशान है. प्ले बटन को क्लिक करने के बाद बफरिंग में लगने वाले समय से बचने के लिए इस विशेष कोड का निर्माण किया गया है. हैकर्स इसी कोड के द्वारा आपके फ़ोन या टैबलेट में खतरनाक कोड बिना आपकी जानकारी या इनफार्मेशन के डाउनलोड कर देते हैं. जिसके बाद वह जो चाहे वो डाटा आपके फ़ोन से ले सकते हैं. यह एक खतरनाक वायरस है. इस साइबर सिक्योरिटी फर्म की माने तो, इस फर्म ने इसके लिए गूगल को भी सूचित कर दिया है. इसके साथ ही इस वायरस के असर को कम करने वाला एक समाधान भी उपलब्ध कराया है. इसके तुरंत बाद ही गूगल ने अपने अगले अपडेट में पहले ही इस पैच को इंटीग्रेट कर दिया है. फर्म के आंकड़े दिखा रह हैं कि इसके माध्यम से लगभग 95 फीसदी एंड्राइड फोंस की जानकरियां खतरे में हैं. बता दें कि यह एंड्राइड के इतिहास का सबसे बड़ा ख़तरा सामने आया है. जिम्पेरियम ने पाया कि ऐंड्रॉयड 2.2 फ्रोयो के बाद के सभी डिवाइसेज इस हमले के शिकार बनाए जा सकते हैं. खासकर जेलीबीन (4.1) वर्जन से पहले वाले स्मार्टफोंस, इस श्रेणी में आते हैं. गूगल के एक प्रवक्ता ने बताया कि, "इस कमजोरी का पता लैबोरेट्री में पुरानी ऐंड्रॉयड डिवाइस पर चला और जहां तक हमारी जानकारी है, अब तक कोई भी इससे प्रभावित नहीं हुआ है. जैसे ही हमें इसका पता चला, हमने अपने पार्टनर्स को फिक्स भेज दिया ताकि हमारे यूजर सुरक्षित रहें. जैसे ही रीसर्चर पूरी जानकारी सार्वजनिक करेंगे, हम आप तक वह जानकारी पहुंचा देंगे."