जैसा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था कि निजी कंपनियों को अब इस बात की छूट नहीं है कि वो कस्टमर्स से आधार डिटेल ले सकें या किसी भी तरह से कार्ड का इस्तेमाल न करने का फैसला दिया था, वहीँ कंपनियों ने इसे गंभीरता से लिया। कंपनियां अपने यूजर्स को जानने के लिए KYC यानी Know Your Customer के लिए फिजिकल इंफ्रास्टक्चर उपलब्ध करा रही हैं। कंपनी ने इसके लिए कई एग्जीक्यूटिव को काम पर भी लगा दिया है जिससे वो यूजर्स की KYC के प्रोसेस को अच्छी तरह से पूरा करने में मदद कर सकें।
Amazon ने अपने ई-वॉलेट के लिए यूजर्स के घर-घर जाकर KYC सर्विस उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। जी हाँ, अब घर बैठे ही यूज़र्स का KYC अपडेट होगा। आपको बता दें कि Paytm ने तो इसकी शुरुआत पहले ही कर दी है और अब अमेज़न इण्डिया भी उसे फॉलो कर यूज़र्स को यह सर्विस उनके घर पर ही दे रहा है कर दी है।
आपको बता दें कि इस तरह घर जाकर यूजर्स का फिजिकल वेरिफिकेशन करना कंपनी को महंगा पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कंपनियों के पास अब कोई दूसरा रास्ता कुछ खास नहीं बचा है। इसी तरह से कंपनियां KYC अपडेट करके अपने यूजर बेस को सुरक्षित रखकर नए यूजर्स को जोड़ सकेंगे। आपको बता दें कि आधार वेरिफिकेशन में यूजर के फिंगरप्रिंट लिए जाते हैं। वहीं अगर घर जाकर फिजिकल वेरिफिकेशन करना हो तो यूजर के फिजिकल डॉक्यूमेंट्स भी चेक करने होते हैं। वहीं आधार वेरिफिकेशन में ऐसा नहीं है और यह कंपनियों को काफी सस्ता भी पड़ता है।
RBI ने ई-वॉलेट्स को लेकर कंपनियों के लिए एक आदेश जारी किया था जिसके मुताबिक कंपनियों को फरवरी तक अपने सभी यूजर्स के डॉक्यूमेंट्स को वेरिफिकेशन के लिए जमा करना होगा। ऐसे में सभी कंपनियां इसमें जुट गयी हैं वहीं अभी भी कई कंपनियां लापरवाही दिखा रही हैं। Flipkart को देखा जाए तो उसने PhonePe के लिए UPI विकल्प को चुना है। ऐसे में उसे इस तरह की कोई दिक्कत नहीं आ रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि UPI के जरिए एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा ट्रांसफर किया जाता है और बैंकों ने यूजर्स की KYC प्रक्रिया को पहले ही पूरा कर रखा है।