अगर लैपटॉप जिससे हम अपने सभी ज़रूरी काम करते हैं वही स्लो हो जाए तो हमारे आधे से ज़्यादा काम रह जाते हैं या स्लो हो जाते हैं। एक स्लो लैपटॉप (slow laptop) आपके काम को तो स्लो करता ही है लेकिन साथ ही आप इससे एक काम पर फोकस भी नहीं कर पाते हैं। आज हम आपको बताएँगे कि कैसे आप अपने धीमे लैपटॉप (slow laptop) से कैसे छुटकारा पा सकते हैं।
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अपने लैपटॉप की स्पीड बढ़ाने के लिए अपनाएं ये तारीकें…
अगर आपके काम में हर समय एक ब्राउज़र खुला होना शामिल है तो हो सकता है कि आप खुले हुए टैब्स की संख्या कम से कम रखना चाहते हों। याद रखें कि ब्राउज़र विंडो में जितने ज़्यादा टैब खुले होंगे, रैम और प्रॉसेसर पर उतना ही अधिक भार पड़ेगा। इसलिए जिन टैब्स की ज़रूरत न पड़े या कम पड़े तो उन्हें तुरंत बंद कर देना चाहिए, ऐसा करने से भी आपके लैपटॉप की स्पीड पर असर पड़ता है।
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ऐसे प्रोग्राम जो अभी उपयोग में नहीं हैं, लेकिन बिना वजह चल रहे हैं, जो आपके Laptop के रिसोर्सेज के गलत टास्क के लिए खर्च किए जाने के प्रमुख कारण हैं। ऐसे में किसी भी प्रोग्राम विंडो को बंद कर दें जिसकी ज़रूरत नहीं है। ऐसा करने से आपको लैपटॉप के प्रदर्शन में लगभग तत्काल वृद्धि दिखाई देनी चाहिए।
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ध्यान रहे कि सभी प्रोग्राम केवल 'X' बटन दबाकर बंद नहीं किए जा सकते। आपको यह भी देखना होगा कि बैकग्राउंड में क्या चल रहा है। आप इसे Ctrl+Shift+Esc दबाकर और यह देख सकते हैं कि Windows टास्क मैनेजर में क्या चल रहा है। आप अपने सिस्टम ट्रे को अपने टास्कबार के दाईं ओर ऊपर की ओर ऐरो मारकर देख सकते हैं कि बैकग्राउंड में कोई प्रोग्राम चल रहा है या नहीं।
अगर आप चाहते हैं कि आपका पुराना लैपटॉप भी बेहतरीन प्रदर्नश दें, तो आप अपने लैपटॉप को एक बार सिंपल रिस्टार्ट कर दें। मशीन को रिस्टार्ट कर देने से अस्थायी यानी कैश मेमोरी क्लियर हो जाती है और आपके लैपटॉप को सचमुच नए सिरे से शुरू करने की इजाज़त मिलती है। ध्यान रखें कि यदि आपके पास विंडोज़ के साथ शुरू होने वाले प्रोग्राम हैं, तो बस रिस्टार्ट करना प्रतिकूल हो सकता है। लैपटॉप की कैश मेमोरी क्लियर हो जाने से भी मशीन की स्पीड बेहतर हो जाती है।
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यह एक आसान तरीका है लेकिन रिसोर्सेस को फ्री-अप करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। यदि आप अपने आप को प्रोग्रामों के ऑटो-स्टार्ट होने और लंबे समय तक नहीं खोलने होने पर बार-बार बंद करते हैं, तो आप कुछ समय के लिए प्रोग्राम को अनइंस्टॉल करने पर विचार भी कर सकते हैं। ये काम से जुड़े प्रोग्राम, गेम या कोई अन्य सॉफ्टवेयर भी हो सकते हैं। ऐसा करने से भी आपके लैपटॉप की स्पीड बढ़ जाती है।
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स्टार्टअप ऐप्स चुपचाप समय के साथ अपने आप तैयार हो जाते हैं। ये न केवल आपके लैपटॉप के बूट समय को प्रभावित करेंगे, बल्कि इसके सामान्य प्रदर्शन को भी प्रभावित करने का काम करते हैं। इन प्रोग्राम्स का मतलब यह भी है कि इन प्रोग्राम के पीछे आपके रिसोर्सेस का उपयोग किया जाएगा, शायद आप इसे महसूस भी न कर सकें कि ऐसा कुछ हो रहा है।
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आप टास्क मैनेज को ओपन करने के लिए एक्सपैंडेड व्यू पर जाकर और 'स्टार्टअप' टैब पर नेविगेट करने के लिए Ctrl+Shift+Esc दबाकर विंडोज़ के साथ शुरू होने वाले प्रोग्राम्स को चेक भी कर सकते हैं।