ऑनलाइन शॉपिंग आजकल लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है. घर बैठे लोग अपनी जरुरत के हिसाब से सामान मंगाना पसंद करते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग के मामले में रिव्यू और रेटिंग भी बहुत मायने रखता है. हम कोई भी सामान खरीदने से पहले उसके बारे में जानने के लिये रिव्यू पढ़ते हैं और प्रोडक्ट को मिली रेटिंग भी देखते हैं, ताकि ये सुनिश्चित कर सकें कि ये प्रोडक्ट अच्छा है या नहीं.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिस रिव्यू और रेटिंग पर भरोसा कर के आप ऑनलाइन प्रोडक्ट मंगा रहे हैं, वो सही है या नहीं. जी हां कई बार प्रोडक्ट के बारे में लिखें गए अच्छे-अच्छे रिव्यू फेक होते है. ऐसे में आप किस रिव्यू पर भरोसा करें और किस पर नहीं ये मुश्किल है. तो चलिए हम बताते है कि अमेज़न पर फेक रिव्यू को कैसे पहचानें और लो क्वालिटी प्रोडक्ट खरीदने से बचें.
फेक रिव्यू किसी प्रोडक्ट या सर्विस को ज्यादा से ज्यादा सेल करन के लिए पोस्ट की जाती है. ऐसा अक्सर देखने को मिलता है कि किसी प्रोडक्ट का रिव्यू तो बहुत अच्छा लिखा होता पर जब प्रोडक्ट आपको मिलता है, तो वो बिल्कुल अलग होता है. यानि फेक रिव्यू लिखा होता है. ज्यादातर आपको ऐसा छोटे और विदेशी कंपनी के प्रोडक्ट्स के साथ दिखेगा.
फर्स्ट अप फेकस्पॉट एक फ्री साइट है, जो अमेज़न प्रो़डक्ट के रिव्यू की जांच करता है. आपको बस लिंक कॉपी कर के प्रो़डक्ट पेज पर पोस्ट करना है. इसके बाद एनालाइज पर क्लिक करें.
ये सर्विस क्रोम, फायरफॉक्स और सफारी के लिये ब्राउजर एक्टेंशन भी ऑफर करता है, जो इसे सिंपल बनाता है. तुंरत एनालाइज करने के लिये आप बस अपने टूल बार में फेकस्पॉट ऑइकन पर क्लिक करें ये एंड्रॉयड और आईओएस डिवाइस के लिये भी उपलब्ध है.
फेकस्पॉट रिव्यू और रिव्यूअर दोनों को एनालाइज करती है. विश्लेषण समाप्त होने के बाद, फेकस्पॉट रिव्यू की कुल संख्या के आधार पर एक लेटर ग्रेड प्रदान करता है. अगर इसमें 57% से ज्यादा लोग फेक होते हैं, तो ये F मार्क शो करता है. यानि इस प्रोडक्ट के बारे में लिखे गए ज्यादातर रिव्यू फेक होते हैं.