आप शायद जानते ही होंगे कि 1 जुलाई 2017 में सरकार की ओर से भारत में GST को लागू कर दिया था। GST का मलतब है कि Goods and Service Tax, यह टैक्स सप्लाई ऑफ़ गुड्स (इसमें सेल भी शामिल है) और भारत में की गई सर्विस यानी गुड के इम्पोर्ट और सेवाओं के लिए देना जरुरी है, भारत में इसे सख्ती से लागू कर दिया गया है, हालाँकि इसके बाद इसमें कई बदलाव भी किये गए हैं, लेकिन आज भारत में GST ही एकमात्र टैक्स है।
हालाँकि इतना ही नहीं आपको बता देते हैं कि आपको GST tax सेल की कीमत या गुड्स पर हुई सेल की कीमत या सेवाओं के लिए भी देना होता है। हालाँकि अगर आपने कहीं न कहीं किसी कारण से ज्यादा टैक्स सरकार को दे दिया है, तो आप उसके लिए रिटर्न्स भी फाइल कर सकते हैं। आज हम आपको इसी बारे में तो बताने वाले हैं कि आखिर आप कैसे अपने GST रिटर्न्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
आपको बता देते हैं कि GST के प्रावधानों के अनुसार, हर बिज़नेस के लिए महीने में 3 बार रिटर्न्स फाइल किये जा सकते हैं। आजकल आपको रिटर्न्स के लिए मात्र इलेक्ट्रॉनिक मोड का ही इस्तेमाल करना होगा।
आपको सबसे पहले अपनी सप्लाई का डिक्लेरेशन देना होगा, इसके बाद आपको इनपुट को ऑटोमैटीकली आपके वेंडर के सबमिशन पर आधारित होने वाला है।
इसका मतलब है कि अगर आपके वेंडर ने आपकी सेल्स को फेल कर दिया है, तो आपको कुछ भी नहीं मिलने वाला है।
आपको बता देते हैं कि आपको GST रिटर्न्स के लिए हर महीने की 10 तारीख को GSTR-1 में अपनी सेल्स को डिक्लेअर करना होगा।
इसके बाद 11-15 तारीख को आपको एक नोटिफिकेशन आता है, जहां आप अपनी सेल्स में करेक्शन कर सकते हैं, इसे आपको GSTR-2A में करना होगा।
इसके बाद 20 तारीख को ऑटो-पोपुलेटेड GSTR-3 फिल करने और पेमेंट्स के लिए आता है।
जब आप अपना GST रिफंड करने के लिए क्लेम कर रहे हैं, उस समय आपके पास इन चीजों का होना जरुरी है।
इसके बाद आप ऑनलाइन आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने GST रिटर्न्स के लिए आवेदन कर सकते हैं, अगर सरकार को लगता है कि वाकई आपके ज्यादा पैसे सरकार के पास चले गए हैं, यानी आपने सरकार को ज्यादा टैक्स दे दिया है तो आपको वह पैसा वापिस मिल जाता है। लेकिन उसके लिए आपके पास यह सब होना जरुरी है, और ऊपर बताई गई जरुरी बातों को भी आपको ध्यान में रखना जरुरी है।