आज के जमाने में धोखाधड़ी के मामले बेहद बढ़ गए हैं और रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं क्योंकि डिजिटल लेनदेन और जानकारी साझा करना बिल्कुल आम बात हो गई है। साइबर अपराधी समाज के कमजोर हिस्सों को अपना निशाना बना रहे हैं और चोरी कर रहे हैं, जिनमें कभी-कभी टेक एक्सपर्ट और पेशेवर भी शामिल होते हैं। Times of India के एक आर्टिकल के अनुसार, पिछले साल के आखिर में आंध्र प्रदेश के अधिकारियों की एक खोज में एक आधार कार्ड से 658 SIM कार्ड्स जुड़े हुए पाए गए थे।
साइट के मुताबिक, पुलिस ने उचित सर्विस प्रोवाइडर्स को लिखते हुए यह अनुरोध किया कि वे SIM कार्ड्स को रद्द कर दें। वे सिम कार्ड्स पोलुकोण्डा नवीन के नाम से रजिस्टर्ड थे, जो अपने साथ मोबाइल फोन्स बेचने वाले कियोस्क और स्टोर्स को सप्लाई करते हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) के नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति को एक आधार कार्ड पर 9 सिम कार्ड्स रखने की अनुमति है। वहीं बड़े परिवारों के लिए एक प्रावधान है जो एक ही आधार नंबर पर कई कनेक्शंस लेने की अनुमति देता है।
हालांकि, संभावना है कि इस नियम का गलत इस्तेमाल किया जाएगा। इसीलिए, आपके नाम पर कितने SIM कार्ड्स का इस्तेमाल किया जा रहा है यह जानने के लिए DoT ने एक वेबपेज बनाया है।
एक यूजर संचार साथी पोर्टल पर जाकर यह पता लगा सकता है कि उसके नाम के अंदर कितने सिम कार्ड्स जारी किए गए हैं, और इसके अलावा वे किसी भी खोए या चोरी हुए मोबाइल डिवाइसेज को बैन भी कर सकते हैं।