Update: DoT के ओर से इंडिया में टेलीकॉम कंपनियों को 5G ट्रायल्स के लिए मंजूरी दे दी है। आपको बता देते है कि यह मंजूरी 6 महीने के लिए दी गई है। आपको बात देते है कि इस समय में 2 महीने का समय उपकरणों की खरीद और सेटिंग के लिए दिया गया है। आपको बता देते हैं कि जो मंजूरी मिली है, उसमे यह भी कहा गया है कि यह ट्रायल्स रूरल और सेमी अर्बन सेटिंग पर किया जा सकता है।
यहाँ आपको यह भी बता देते है कि इस 5G ट्रायल को इसी नाम से न करके 5Gi तकनीकी के तौर पर टेस्ट किया जाने वाला है। इसके अलावा ITU यानी इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन्स यूनियन ने भी 5Gi तकनीकी को मान्यता दे दी है। यह खासतौर पर इंडिया के लिए ही आई है, क्यूंकि इंडिया में 5G टावर्स की रीच और रेडियो नेटवर्क्स की रीच काफी बड़ी है। आपको बता देते है कि 5Gi तकनीकी का निर्माण IIT Madras, सेण्टर ऑफ़ एक्सीलेंस इन वायरलेस टेक्नोलॉजी CEWiT और IIT हैदराबाद की ओर से किया गया है।
संचार मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि 5G परीक्षणों के संचालन के उद्देश्यों में 5G स्पेक्ट्रम प्रसार विशेषताओं का परीक्षण करना शामिल है, विशेष रूप से भारतीय संदर्भ में, यहाँ चुना गया उपकरण और विक्रेताओं का मॉडल ट्यूनिंग और मूल्यांकन, स्वदेशी प्रौद्योगिकी का परीक्षण, अनुप्रयोगों का परीक्षण और 5जी फोन और उपकरणों का परीक्षण करना आदि शामिल है।
अगर हम डेटा रेट्स की बात करें तो 5G तकनीकी में इसके 4G के मुकाबले में 10 गुना ज्यादा बढ़ जाने के आसार हैं। इसके अलावा यह 3 गुना स्पेक्ट्रम एफिशिएंसी और अल्ट्रा-लो लेटेंसी को भी इनेबल करता है। अनुप्रयोग कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, यातायात प्रबंधन, स्मार्ट शहरों, स्मार्ट घरों और IoT (इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स) के कई अनुप्रयोगों जैसे क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला में हैं। DoT ने निर्दिष्ट किया है कि परीक्षण को आइसोलेटेड किया जाने वाला है और इसे TSPs के मौजूदा नेटवर्क के साथ नहीं जोड़ा जाएगा। परीक्षण गैर-वाणिज्यिक आधार पर होंगे और परीक्षण के दौरान उत्पन्न आंकड़े भारत में संग्रहीत किए जाएंगे। आइये अब जानते हैं कि आखिर आपको किन स्मार्टफोंस को इस समय बेहद ही कम कीमत में खरीदना चाहिए!
अब तक की सबसे तेज़ कनैक्टिविटी पाने के लिए भारतीय यूजर्स पांचवी जनरेशन के 5G नेटवर्क का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। Jio, Airtel, और Vi ऐसा नेटवर्क बनाने पर काम कर रहे हैं जो वर्चुअली सभी को एक दूसरे से कनैक्ट कर सके, इसमें मशीनें, ओब्जेक्ट्स और ऐसे डिवाइस शामिल हैं। 5G नेटवर्क की कुछ खासियत में हाई मल्टी-GBPS स्पीड, लो लेटेंसी और पिछली जनरेशन के नेटवर्क से अधिक भरोसेमंद है। साउथ कोरिया, US, यूरोप और चीन जैसे देश पहले ही 5G तैनात करने में आगे हैं। क्या भारत भी 2021 में इस दौड़ में शामिल हो सकेगा?
इस सवाल का जवाब अभी साफ तौर पर नहीं दिया जा सकता है। जहां जियो इस साल के आखिर में 5G लॉन्च की तैयारी कर रहा है, वहीं एयरटेल का मानना है कि डोमेस्टिक टेलीकॉम मार्केट को 5G सेवाओं के लिए तैयार होने में 2 से 3 साल लग जाएंगे। इसके अलावा, सरकार ने भारत में अभी तक 5G स्पेक्ट्रम की सेल भी शुरू नहीं की है।
भारत में 5G फ्रिक्वेंसी बैंड अभी अनुपलब्ध है। टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) मार्च 2021 में 700 MHz से 2,500 MHz का ऑक्शन कर रही है लेकिन भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर्स के मुताबिक, यह अपर्याप्त और देश में 5 जी रोलआउट पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। टेलीकॉम 3,300-3,600 मेगाहर्ट्ज की स्पेक्ट्रम बिक्री की सलाह देता है, जिसकी परिकल्पना 5G नेटवर्क के लिए की गई है।
जियो 5G को भारत में 2021 की दूसरी छमाही में लॉन्च कर सकता है। Jio भारत में 5G नेटवर्क क्रांति का नेतृत्व करेगा। कंपनी के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने घोषणा की है कि यह 2021 की दूसरी छमाही में 5G लॉन्च करके देश में नेटवर्क पर बढ़त ले लेगा। Jio का दावा है कि यह टेल्को के परिवर्तित नेटवर्क के कारण 4G से 5G नेटवर्क को आसानी से अपग्रेड कर देगा। Jio के 5G को स्वदेशी रूप से विकसित नेटवर्क, हार्डवेयर और प्रौद्योगिकी घटकों द्वारा संचालित किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि टेल्को अपनी 5 जी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आगामी ऑक्शन में 700MHz खरीद सकता है, जब तक कि सरकार ने 3300-3600MHz की नीलामी की घोषणा नहीं की, जो कि वर्तमान में 5G तैनाती के लिए विश्व स्तर पर लोकप्रिय है।
एयरटेल को देश में 5 जी लॉन्च करने की अपनी योजना का खुलासा करना बाकी है। कंपनी का मानना है कि मोबाइल प्रौद्योगिकी की अगली पीढ़ी को देश भर में लाने के लिए और समय चाहिए। एयरटेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाल विट्टल के अनुसार, देश में अभी 5G पारिस्थितिकी तंत्र अविकसित है और यह स्पेक्ट्रम महंगा है। उन्होंने कहा, “5 जी के साथ मूलभूत मुद्दा स्पेक्ट्रम लागत है, जो शीर्ष पर है।"
उन्होंने ने कहा, टेल्को 5 जी-रेडी है। Airtel ने 2017 में भारत के पहले अत्याधुनिक मैसिव मल्टीपल-इनपुट मल्टीपल-आउटपुट (MIMO) तकनीक की तैनाती की घोषणा की थी, जो 5G नेटवर्क के लिए एक प्रमुख एनबलर है। कंपनी ने पहले ही बैंगलोर, कोलकाता में तकनीक को तैनात कर दिया है। और देश में कई अन्य क्षेत्र भी इसमें शामिल हैं।
Vi उर्फ वोडाफोन आइडिया 5 जी को भारत में निर्यात करने के लिए तैयार है, क्योंकि स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से उपलब्ध कराया गया है। कंपनी ने अपने 4 जी नेटवर्क को 5 जी आर्किटेक्चर और अन्य तकनीकों जैसे डायनामिक स्पेक्ट्रम रिफर्मिंग (डीएसआर) और एमआईएमओ के साथ अपग्रेड किया है। वोडाफोन आइडिया के एमडी और सीईओ रविंदर ने पिछले साल एजीएम की बैठक के दौरान कहा था, “हमारा नेटवर्क बहुत ज्यादा 5 जी-तैयार है। जब 5G की नीलामी होगी, तो हम 5G लॉन्च कर पाएंगे। हालांकि, भारत में 5जी उपयोग के मामलों को विकसित करने की आवश्यकता है। भारत अद्वितीय है और कुछ वैश्विक उपयोग के मामले प्रासंगिक नहीं हो सकते हैं।” टेल्को ने भी कई विक्रेताओं के साथ 5G परीक्षणों का प्रस्ताव दिया है, जिसमें Huawei और एरिक्सन शामिल हैं।
राज्य के स्वामित्व वाली टेल्को बीएसएनएल की 5जी योजना फिलहाल एक रहस्य बनी हुई है। कंपनी ने 2019 में वापस घोषणा की कि यह दिल्ली में एक 5जी कॉरिडोर के साथ आएगा, लेकिन तब से इस मामले पर कोई अपडेट नहीं आया है। कॉरिडोर 5 जी स्तरों पर ओप्टिमम डाटा गति के साथ नई तकनीक के संभावित उपयोग का प्रदर्शन करेगा, बीएसएनएल के अध्यक्ष अनुपमा श्रीवास्तव ने ईटीटी को बताया कि, टेल्को एक इन-हाउस टेस्ट सेंटर भी ला रहा है।