टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने कथित तौर पर टेलिकॉम ऑपरेटर्स को व्यावसायिक संदेशों के लिए नई ट्रेस करने की क्षमता को अनिर्वार्य करने के लिए 1 दिसंबर तक एक और महीने की मोहलत दे दी है। इन संदेशों में OTP भी शामिल हैं। इस पहल का लक्ष्य फिशिंग गतिविधियों को नियंत्रित करना है। बदली हुई डेडलाइन के मुताबिक, ट्रैसेबिलिटी मैंडेट के अनुरूप नहीं होने वाले संदेशों को 1 दिसंबर से ब्लॉक कर दिया जाएगा। पहले इसकी डेडलाइन 1 नवंबर थी।
एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया ने संदेशों को ब्लॉक करने की संभावित बाधाओं को लेकर चिंता जताई है, जो ट्रैसेबिलिटी नियमों का पालन नहीं करते, क्योंकि कई टेलिमार्केटर्स और संस्थाएं, जैसे बैंक आदि शायद अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं।
इन चिंताओं को कम करने के लिए TRAI ने एक धीमी कार्यान्वयन प्रक्रिया की अनुमति दी है। अभी से लेकर 30 नवंबर तक ऑपरेटर्स इकाईयों को रोजाना चेतावनियाँ भेजेंगे जो चेन घोषणा आवश्यकताओं का पालन नहीं करते। 1 दिसंबर से अनुपालन न करने वाली इकाईयों के संदेशों को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
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TRAI ने कहा कि इन्होंने 13 अगस्त, 2024 से अनधिकृत प्रमोशनल कॉल्स करने वाली संस्थाओं के लिए कड़ा जुर्माना लागू किया था। उल्लंघन करने वालों को टेलिकॉम कनेक्शन काटने, दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट होने और नए टेलिकॉम संसाधन प्राप्त करने पर बैन लगने का खतरा है। इन निर्देशों के जवाब में अब तक 800 से ज्यादा संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और 1.8 मिलियन टेलिकॉम संसाधनों (SIP DID/मोबाइल नंबर्स/टेलिकॉम संसाधन) का कनेक्शन काट दिया गया है।
यह नियम 1 अक्टूबर से लागू है। इसके तहत SMS संदेशों में URLs, APKs और OTT लिंक्स को पहुँच प्रदान करने वालों द्वारा व्हाइटलिस्ट किया जाना चाहिए, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वेरिफाइड लिंक ही यूजर्स तक पहुँचें और मैलिशियस कॉन्टेन्ट को कम किया जा सके।
संचार मंत्रालय ने कहा, “इस तरह केवल सुरक्षित और स्वीकृत लिंक्स ही SMS के जरिए आगे जा सकते हैं, जिससे उपभोक्ता हानिकारक या फर्जी वेबसाइट्स, ऐप्स या अन्य ऑनलाइन खतरों से सुरक्षित रहेंगे।”
इसके अलावा 1 अक्टूबर से ही 140xx सीरीज से शुरू होने वाले टेलिमार्केटिंग कॉल्स को भी सख्त निगरानी और नियंत्रण के लिए डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT – ब्लॉकचेन) प्लेटफॉर्म पर भेज दिया गया है।
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TRAI ने घोषणा की कि पहुँच प्रदान करने वालों ने संदेश प्राप्तकर्ताओं को संदेश भेजने में शामिल इकाईयों (सेंडर/प्रमुख इकाई) को ट्रेस करने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी उपाय लागू किए हैं। यह नई प्रणाली सुनिश्चित करती है कि भेजने वाले से लेकर फाइनल डिलिवरी तक, संदेश भेजने में शामिल हर एक इकाई को ट्रैक किया जा सके। इसके लिए एक Principal Entity (PE)-Telemarketers (TMs) चेन को परिभाषित करने की आवश्यकता होती है जिसके माध्यम से संदेश एक्सेस देने वाले तक पहुंचने से पहले ट्रेस किए जाने के लिए ट्रैवल करते हैं।